राजस्थान में चल रहे सियासी रण में आज बहुत महत्वपूर्ण दिन है. विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन के पटल पर विश्वास प्रस्ताव रखा.
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जयपुर: राजस्थान में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच आज विधानसभा सत्र की शुरुआत हुई. सदन में पहले ही दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास प्रस्ताव रख दिया. कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों के लिए व्हिप कर दी है. बड़ी बात ये है कि विधानसभा में सचिन पायलट खेमे के विधायक अलग से सदन पहुंचे जबकि अशोक गहलोत के विधायक अलग से सदन पहुंचे.
#Rajasthan's Law and Parliamentary Affairs Minister Shanti Kumar Dhariwal tables proposal for a trust vote, in the state assembly.
— ANI (@ANI) August 14, 2020
भाजपा लाना चाहती थी अविश्वास प्रस्ताव
आपको बता दें कि भाजपा भी अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही थी लेकिन उससे पहले ही अशोक गहलोत ने विश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया. अब मुख्यमंत्री गहलोत को सदन में पूर्ण बहुमत साबित करना होगा.
Congress' chief whip in #Rajasthan Assembly, Mahesh Joshi (in file pic) submits a notice to Speaker CP Joshi for a trust vote. The Speaker to take a decision on the notice at 1 pm today. pic.twitter.com/pu5cPpQp2z
— ANI (@ANI) August 14, 2020
पायलट खेमे के विधायक भी पहुंचे विधानसभा
कांग्रेस ने विधानसभा सत्र से पहले व्हिप जारी की है और सरकार के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी विधानसभा में उपस्थित हैं. उनके गुट के विधायक अलग से विधानसभा पहुंचे. ये अहम बात है जो इस ओर इशारा करती है कि राजस्थान सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है और जो एकजुटता दिखाई जा रही है वो केवल दिखावटी है.
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आपको बता दें कि विधानसभा सत्र में चीन बॉर्डर पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. गहलोत गुट के विधायक बसों में पहुंचे, जबकि पायलट गुट के विधायक अपनी गाड़ियों से आए हैं. उल्लेखनीय है कि करीब एक महीने की बगावत के बाद सचिन पायलट वापस जयपुर लौटे. गुरुवार की शाम को सचिन पायलट, अशोक गहलोत की मुलाकात हुई थी.