राजस्थान की राजनीति इस समय अजब मोड़ पर है. कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही है. भाजपा में भी गहमागहमी अचानक तेज हो गयी है.
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जयपुर: राजस्थान भाजपा में इस समय गहमागहमी तेज है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है. उन्होंने कल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और अब उन्होंने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की है. दिल्ली में वसुंधरा राजे का शीर्ष नेताओ से मुलाकात करना कई दिशाओं में संकेत करता है. राजस्थान में चल रहे सियासी नाटक में वसुंधरा राजे की चुप्पी ने उन्हें पार्टी के निशाने पर ला दिया था.
राजनाथ सिंह से मिलीं वसुंधरा राजे
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने शनिवार को दिल्ली में वरिष्ठ बीजेपी नेता राजनाथ सिंह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर बात हुई. वसुंधरा राजे राजस्थान में चल रहे गतिरोध पर बहुत समय तक शांत रहीं और उन्होंने अशोक गहलोत को निशाने पर नहीं लिया. इससे राज्य भाजपा के नेता उन पर चिढ़ गए थे और उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा पर सवाल खड़े हो रहे थे.
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नड्डा और बीएल संतोष से मिल चुकी हैं वसुंधरा
उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महामंत्री बी एल संतोष से भी मिल चुकी हैं. शुक्रवार को वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे की चर्चा हुई. वसुंधरा राजे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहा था कि उनकी निष्ठा पर सवाल न खड़े किए जाएं. वे पूरी तरह भाजपा के हर कदम का समर्थन करती हैं.
वसुंधरा राजे की चुप्पी ने भाजपा को किया था सतर्क
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में मचे घमासान पर एक लंबे वक्त तक इस चुप्पी साध रखी थी, इसे लेकर बीजेपी में चर्चाओं का बाजार गरम था. पिछले महीने जब राजस्थान बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ सियासी दांव चल रही थी तब धुर विरोधी कांग्रेस पर वसुंधरा राजे शांत बैठी थी. इससे उन पर कई सवाल खड़े हो रहे थे और अशोक गहलोत के साथ होने की आशंका भाजपा नेता जता रहे थे.