सुशांत मर्डर मिस्ट्री: तीन तरह से जांच 'कातिलों' तक ले जा सकती है
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सुशांत मर्डर मिस्ट्री: तीन तरह से जांच 'कातिलों' तक ले जा सकती है

हमेशा ऊँगली टेढ़ी करना जरूरी नहीं बल्कि ऊँगली सही जगह पर रख कर पड़ताल करने से अक्सर अनपेक्षित रूप से बड़ी सफलताएं मिल जाती हैं..

सुशांत मर्डर मिस्ट्री: तीन तरह से जांच 'कातिलों' तक ले जा सकती है

नई दिल्ली.   सुशांत मर्डर मिस्ट्री पर जो तथाकथित जांच मुंबई पुलिस ने की है, उस पर बात करना व्यर्थ है. अब बिहार पुलिस पूरी गंभीरता से मुंबई में मामले की जांच कर रही है और इस टीम में बिहार से एक और आईपीएस अधिकारी को मुंबई भेजा जा रहा है. उधर महिला पुलिस भी मुंबई प्रस्थान के लिए तैयार है. किन्तु उसके पहले अब बिहार पुलिस को सीधे घटना-स्थल पर ध्यान केंद्रित करके तीन तरह से 'कातिलों' की पहचान करनी होगी.  

  1. तीन तरह से जांच 'कातिलों' तक ले जा सकती है 
  2. माउंट ब्लैंक के अंदर-बाहर दुबारा जांच हो 
  3. मुंबई पुलिस से पूछताछ हो 
  4. जांच रिपोर्ट्स की दुबारा जांच की जाए 

 

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माउंट ब्लैंक के अंदर-बाहर दुबारा जांच हो 

बिहार पुलिस को माउंट ब्लेंक अपार्टमेंट्स आ कर एक बार बाहर-बाहर से अर्थात सुशांत के फ्लैट के बाहर से लेकर बिल्डिंग के गेट तक फिर से गहन तफ्तीश करनी होगी. इस बिल्डिंग के सामने वाली बिल्डिंग में भी तेरह जून की रात को लेकर गंभीर जांच करनी होगी. इस आवश्यक जांच प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद फ्लैट के अंदर आ कर बारीक जांच करनी होगी. यद्यपि अब वहां हत्या के समय और हत्या के बाद सारे सबूत मिटा दिए गए हैं, तदापि कोई न कोई अहम सूत्र वहां मिल सकता है. वहां सुशांत के साथ रह रहे नौकरों और परिजनों से अलग अलग पूछताछ करनी होगी.

मुंबई पुलिस से पूछताछ हो 

ये थोड़ा दुष्कर कार्य है. जिस मुंबई पुलिस ने 'बाहर वालों' की जांच में कोई मदद नहीं की वो पूछताछ में क्या सहयोग करेगी. किन्तु यदि यह सम्भव हो सके तो हो सकता है कोई बड़ा राज़-फाश हो जाए. जो मुंबई पुलिस की टीम सबसे पहले घटना-स्थल पर पहुंची थी उस टीम के हर सदस्य से अलग-अलग पूछताछ की जाए तो कोई बड़ा 'सुराग' हाथ लग सकता है.     

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जांच रिपोर्ट्स की दुबारा जांच की जाए 

ये कार्य बहुत दुष्कर नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट और विसरा रिपोर्ट पर फिर से ध्यान देना होगा बिहार पुलिस को. और इसके लिए उसे अपने पोस्टमार्टम विशेषज्ञ, फोरेंसिक इन्वेस्टीगेशन एक्सपर्ट और विसरा रिपोर्ट विशेषज्ञ को मुंबई बुलाना होगा.  इसके बाद बिहार पुलिस को सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मृत्यु के बाद उनका पोस्टमार्टम करने वाले, फोरेंसिक रिपोर्ट तैयार करने वाले और विसरा रिपोर्ट के इंचार्ज से दुबारा अलग-अलग और नए सवालों के साथ बारीकी से पूछताछ करनी होगी. इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद इन तीनों तरह से की गई जांच का कार्यालय में बैठ कर गहराई से विश्लेषण करना होगा. उसके बाद एक दो नहीं बल्कि कई बड़े सुराग सामने न आएं, ऐसा हो ही नहीं सकता - क्योंकि किसी भी कोल्ड ब्लडेड मर्डर के मास्टर माइंड्स का होमवर्क इतना परफेक्ट  हो ही नहीं सकता! 

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