ये शुभ समाचार है किसानों के लिये और अशुभ समाचार है सरकार के विरोधियों के लिये जो किसानों की हालत को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करते नजर आते हैं..
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नई दिल्ली. कोरोना काल में किसानों को भी भारी क्षति का सामना करना पड़ा है किन्तु ऐसा नहीं है कि सरकार उनकी हालत के प्रति आंखे बंद किये बैठी है, केन्द्र सरकार से आई है किसानों के लिये ये बड़ी खबर कि देश के किसानों को दिये जायेंगे पंद्रह लाख रुपये एफपीओ के माध्यम से.
मोदी सरकार किसानों और खेती दोनो के प्रोत्साहन की दिशा में कदम बढ़ा रही है. अब सरकार की नई योजना के अंतर्गत सरकार किसानों के समूह को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने जा रही है. बस किसानों को इतना करना है कि उन्हें एक किसान कंपनी बनानी होगी. दूसरे शब्दों में किसानों को एक किसान उत्पादक संगठन अर्थात एफपीओ (Farmer Producer Organisation) बनाना होगा. सरकार ने इससे संबन्धित नए नियम जारी कर दिये हैं.
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बुकलेट जारी की है जिसके अंतर्गत दस हजार एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठनों के निर्माण और विकास के लिये दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. कृषि मन्त्री ने आगामी चार वर्षों में दस हजार एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा है. उन्होंने बताया कि पांच साल के प्रत्येक एफपीओ को सहायता दी जा रही है. इस महती कार्यक्रम में व्यय करने हेतु सरकार ने लगभग सत्तर हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया है.
कृषि मन्त्री ने राज्यों को आश्वस्त करते हुए जानकारी दी कि राज्यों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी जिससे एफपीओ को प्रोत्साहन दिया जा सके. इसी तरह सरकार केसीसी के माध्यम से किसानों को दी गई ऋण सुविधाओं में वृद्धि करने का प्रयास कर रही है. सरकार का लक्ष्य है कि एफपीओ के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश किया जा सके.