निजामुद्दीन इलाके के एक मरकज में तबलीगी जमात के जलसे पर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल घिरती नज़र आ रही है. कोरोना के मंडराते खतरे के बीच राजधानी में इतने बड़े जलसे की इजाजत को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है तबलीगियों ने वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया था.
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नई दिल्ली: बताया जा रहा है कि जमात में शामिल होने के बाद इनमें से कई लोग अंडमान तक पहुंच गए थे. वहां उनकी तबीयत नासाज हुई और कोरोना के लक्षण सामने आने के बाद उनकी मेडिकल जांच की गई. रिपोर्ट में 10 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इसकी इत्तिला दिल्ली सरकार को भी दी गई थी.
दम साधे बैठी रही केजरीवाल सरकार
लेकिन अंडमान की रिपोर्ट 25 मार्च को मिलने के बाद भी दिल्ली सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और खानापूर्ति के तौर पर पुलिस ने मरकज को महज एक नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारियों से हाथ खड़े कर लिए.
अब पुलिस इस मामले में नोटिस जारी कर रही है. लेकिन मामला तो हाथ से निकल चुका है. साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा है कि 'हमने लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन में एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए नोटिस दिया है. हम मामले की जांच कर रहे हैं'.
देर से जागी दिल्ली सरकार
अब जब इस कार्यक्रम में शामिल 10 लोगों की कोरोना के मौत होने के बाद हड़कंप मचा है तो केजरीवाल सरकार इस मसले पर बैठक कर रही है. सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन इस जलसे को अपराध करार दे रहे हैं.
बैठक के बाद सतेंद्र जैन ने बयान दिया कि 'आयोजकों ने घोर लापरवाही की है. तबलीगी जमात का आयोजन घोर अपराध है. जमात में 1500 से 1700 लोग आए थे. इस कार्यक्रम में 10 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए थे. मरकज की इस हरकत के बाद दिल्ली और देश में बड़े पैमाने पर कोरोना फैलने का खतरा मंडरा रहा है'.
तबलीगियों ने वीजा नियमों का भी किया था उल्लंघन
सरकारी सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय को पता चला है कि इस जानलेवा जमात में शामिल होने वाले विदेशियों ने वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया था. धार्मिक विचारधारा के प्रचार के लिए किसी को वीजा नहीं दिया जाता लेकिन ये लोग भारत घूमने के बहाने से हिंदुस्तान पहुंचे और फिर धर्म प्रचार के काम में जुट गए.
जाहिर है इसे बड़ी चूक माना जा रहा है. लेकिन तब जब 10 की मौत हो गई और 24 लोग कोरोना की चपेट में हैं और करीब तीन सौ लोगों पर संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बताया जा रहा है.