Loan Amount: लोगों का अगर होम लोन चल रहा है तो सैलरी बढ़ने पर ऐसे लोगों को अपना होम लोन बंद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए या अपनी एसआईपी राशि बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. दरअसल, दोनों ही काफी अहम पहलू है और इससे लोगों की जेब पर भी काफी असर पड़ता है.
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SIP Plan: प्राइवेट नौकरियों में लोग जॉब स्विच कर लेते हैं. ये चलन अभी काफी बढ़ गया है. लोग सैलरी में इजाफे के लिए और करियर ग्रोथ के लिए नौकरियों में बदलाव चाहते हैं. हालांकि नौकरी बदलने के बाद और बढ़ी हुई सैलरी के साथ कुछ लोग काफी दुविधा में रहते हैं. दरअसल, लोग इस दुविधा में रहते हैं कि पहले वो अपना होम लोन या कोई दूसरा लोन चुकाएं या फिर अपनी मासिक म्यूचुअल फंड SIP की राशि बढ़ाएं. ऐसे में यहां हम आपको इस दुविधा से निकलने के लिए कुछ टिप्स बता रहे हैं.
इक्विटी फंड
दरअसल, अगर लोगो की एसआईपी इक्विटी फंड में की गई है तो लोगों को अपनी एसआईपी में इजाफा करना चाहिए क्योंकि लंबे समय में इक्विटी उसके होम लोन पर चुकाए जा रहे ब्याज से कहीं अधिक रिटर्न देगी. इसके अलावा अगर वह पहले होम लोन चुकाने का विकल्प चुनता है तो उसे कुल मिलाकर नुकसान होगा. यह अंतर 10 साल में देखने को मिलेगा.
नेटवर्थ
अगर कोई शख्स होम लोन समय से पहले चुकाने का फैसला लेता है तो उसकी इनकम का एक बड़ा हिस्सा होम लोन में चला जाएगा और उस शख्स की नेटवर्थ कम हो जाएगी. अगर वह एसआईपी बढ़ाते हैं तो उनकी नेटवर्थ ज्यादा होगी.
रिटर्न
दरअसल, अगर आप अपने होम लोन की राशि पर 9% ब्याज का भुगतान कर रहे हैं तो ये आपको लंबे वक्त के लिए देना होगा और इसका कुछ रिटर्न भी आपको नहीं मिलेगा. वहीं म्यूचुअल फंड के रेगुलर प्लान में 12% और प्रत्यक्ष योजनाओं में 13.5% प्राप्त कर रहे हैं तो आपको इससे कहीं अधिक रिटर्न मिलेगा.
म्यूचुअल फंड
अगर एसआईपी बढ़ाते हैं, तो उनके पास होम लोन का समय से पहले भुगतान करने के लिए किसी भी समय तरलता होगी. हालांकि बस ध्यान रखने वाली बात यह है कि उन्हें समझदारी से फंड चुनना चाहिए और उन्हें म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करना चाहिए. इस तरह उनका रिटर्न सालाना 1.5 फीसदी बढ़ जाएगा.