Best Mutual Fund: आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में नई योजनाओं के जरिये म्यूचुअल फंड उद्योग ने 62,342 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत कम है. हालांकि, 2022-23 में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अधिक संख्या में एनएफओ लाए गए.
Trending Photos
Investment Idea: इंवेस्टमेंट के अलग-अलग माध्यम में कई सारे विकल्प मौजूद हैं. इन्हीं में एक विकल्प म्यूचुअल फंड का भी है. हालांकि अब निवेशकों को म्यूचुअल फंड को लेकर एक अहम जानकारी जान लेनी चाहिए. दरअसल, भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की म्यूचुअल फंड कंपनियों पर नई योजनाएं (एनएफओ) लाने की रोक की वजह से बीते वित्त वर्ष 2022-23 में नई योजनाओं के जरिये जुटाई गई राशि में गिरावट आई है.
गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में नई योजनाओं के जरिये म्यूचुअल फंड उद्योग ने 62,342 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत कम है. हालांकि, 2022-23 में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अधिक संख्या में एनएफओ लाए गए. मॉर्निंगस्टार इंडिया के जरिए संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में कुल 253 नई योजनाएं शुरू की गईं, जो 2021-22 के 176 के आंकड़े से अधिक है.
नई योजनाएं
उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में संपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) ने विभिन्न श्रेणियों में 12 एनएफओ की पेशकश की है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल 182 ओपन-एंड और 71 क्लोज-एंड योजनाओं से 62,342 करोड़ रुपये जुटाए गए. इसकी तुलना में, 2021-22 में 176 एनएफओ के जरिये 1,07,896 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी. म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2020-21 में 84 नई योजनाओं से 42,038 करोड़ रुपये जुटाए थे.
एनएफओ संग्रह प्रभावित
बीते वित्त वर्ष में कई कारणों से एनएफओ संग्रह प्रभावित हुआ. इसमें एक प्रमुख वजह सेबी के जरिए नई योजनाओं की पेशकश पर तीन माह की रोक थी. इसके अलावा बेहद उतार-चढ़ाव वाले बाजार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की निकासी और वैश्विक कारकों से भी एनएफओ में निवेश प्रभावित हुआ.
जरूर पढ़ें:
सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर | NSE ने निवेशकों को चेताया, यहां निवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही निकाल लें पैसा |