GST Council: सिनेमाघरों में मूवी देखने वालों को मिल सकती है राहत, खाने-पीने के सामान के घट सकते हैं दाम
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GST Council: सिनेमाघरों में मूवी देखने वालों को मिल सकती है राहत, खाने-पीने के सामान के घट सकते हैं दाम

Food Price: फिटमेंट समिति ने जीएसटी परिषद से यह भी कहा है कि सिनेमा हॉल में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाए न कि 18 प्रतिशत जैसा कि कुछ मल्टीप्लेक्स में किया जा रहा है. कर्नाटक ने इस मुद्दे को उठाया है और परिषद से इसे स्पष्ट करने की मांग की है.

GST Council: सिनेमाघरों में मूवी देखने वालों को मिल सकती है राहत, खाने-पीने के सामान के घट सकते हैं दाम

Cinema Halls: जीएसटी परिषद आगामी बैठक में कैंसर के इलाज में उपयोगी व्यक्तिगत रूप से आयातित दवा डिनुटूक्सिमैब को कर से छूट दे सकती है. साथ ही सिनेमाघारों में परोसे जाने वाले खाने या पेय पदार्थों पर जीएसटी कम करने के बारे में निर्णय ले सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. अगर सिनेमाघरों में दिए जाने वाले खाने पर जीएसटी कम होती है तो उनके दामों में भी कमी आ सकती है. इससे ग्राहकों को इससे लाभ मिल सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली परिषद निजी कंपनियों की तरफ से प्रदान की जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को लेकर जीएसटी छूट पर भी निर्णय कर सकती है. इसके अलावा 22 प्रतिशत उपकर लगाने के लिए उपयोगी वाहनों की परिभाषा भी स्पष्ट की जा सकती है. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.

जीएसटी
सूत्रों के अनुसार व्यक्तिगत उपयोग और उत्कृष्टता केंद्रों द्वारा दुर्लभ बीमारियों के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं और विशेष चिकित्सा उद्देश्य के लिए भोजन (एफएसएमपी) के आयात को एकीकृत जीएसटी से छूट दिए जाने की संभावना है. वर्तमान में ऐसे आयात पर पांच प्रतिशत या 12 प्रतिशत का एकीकृत जीएसटी लगता है. कर निर्धारण से संबद्ध फिटमेंट समिति ने परिषद को 11 जुलाई को होने वाली 50वीं बैठक में इन मामलों में चीजें स्पष्ट करने की सलाह दी है. समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं.

ऑनलाइन गेमिंग
फिटमेंट समिति की सिफारिशों के अलावा, परिषद ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्री समूह की रिपोर्ट पर भी विचार करेगी. साथ ही अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप देगी और बजटीय समर्थन की योजना के तहत 11 पहाड़ी राज्यों में पूर्ण रूप से केंद्रीय जीएसटी और 50 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी की भरपाई करने के लिए उद्योग की मांग पर भी विचार करेगी.

वाहन
सूत्रों ने कहा कि फिटमेंट समिति ने 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अलावा 22 प्रतिशत क्षतिपूर्ति उपकर लगाने के मामले में बहु-उपयोगी वाहन (एमयूवी) या बहुउद्देशीय वाहन या क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन (एक्सयूवी) को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की तरह परिभाषित करने की सिफारिश की है. समिति ने सिफारिश की है कि चाहे वे किसी भी नाम से पुकारे जाएं, सभी उपयोगी वाहनों पर 22 प्रतिशत उपकर लगेगा. लेकिन इसके लिये शर्त है कि वे तीन मापदंडों... लंबाई चार मीटर से अधिक, इंजन क्षमता 1,500 सीसी से ज्यादा और ग्राउंड क्लीयरेंस 'बिना लोड वाली स्थिति' में 170 मिमी (मिलीमीटर) से अधिक...को पूरा करते हों.

सिनेमा हॉल
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने पिछले साल दिसंबर में एसयूवी की परिभाषा को स्पष्ट किया था. उस समय कुछ राज्यों ने बहु-उपयोगी वाहनों (एमयूवी) के लिए इसी प्रकार के स्पष्टीकरण की मांग की थी. फिटमेंट समिति ने जीएसटी परिषद से यह भी कहा है कि सिनेमा हॉल में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाए न कि 18 प्रतिशत जैसा कि कुछ मल्टीप्लेक्स में किया जा रहा है. कर्नाटक ने इस मुद्दे को उठाया है और परिषद से इसे स्पष्ट करने की मांग की है.

जीएसटी से छूट
व्यक्तिगत उपयोग के लिए व्यक्तियों के जरिए कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब (क्वारजीब) के आयात पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगता है. फिटमेंट समिति ने कहा कि जिस दवा की लागत 36 लाख रुपये है, उसे जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए. उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के संबंध में, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन), एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसीएल) और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को जीएसटी से छूट दी गई है. हालांकि, निजी कंपनियों को 18 प्रतिशत की दर से कर देना होता है. भारत वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष बाजार में मजबूती के साथ उभर रहा है, ऐसे में फिटमेंट समिति ने समान अवसर उपलब्ध कराने के मकसद से निजी कंपनियों को भी कर छूट देने का सुझाव दिया है.

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