Motivation: अंजलि ने पहले सीखे बैंकिंग के गुर, अब गांव में कर रही हैं लाखों रुपये महीने का कारोबार, पढ़िए पूरी कहानी
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Motivation: अंजलि ने पहले सीखे बैंकिंग के गुर, अब गांव में कर रही हैं लाखों रुपये महीने का कारोबार, पढ़िए पूरी कहानी

Women Entrepreneur: अंजलि वजारे (Anjali Vazare) 4  गांवों में कारोबार कर रही हैं. कुछ ही सालों में सक्‍सेसफुल बैंकर (Successful Banker) बन गई हैं. ये कहानी आपको भी इंस्‍पायर (Inspire) कर देगी. पढ़िए पूरी कहानी.

टाटा मोटर्स

Women Entrepreneur Banker: अंजलि वजारे अहमदनगर के पथार्दी गांव की रहने वाली है. उनकी कहानी इतनी दर्द भरी है कि वे शादी के 5 साल बाद ही विधवा हो गई थी. परिवार में आय का कोई साधन नहीं था. फैमिली में सास-ससुर और 4 साल का बच्‍चा था, सबकी दोनों की जिम्‍मेदारी उन्‍हीं पर आ गई थी. इस समय उनकी सहायता टाटा मोटर्स इंटीग्रेटेड विलेज डेवलपमेंट इनिशिएटिव प्रोग्राम ने की. इसकी मदद से अंजलि ने कुछ समय ट्रेनिंग ली. उसके बाद आज वे सक्‍सेसफुल महिला उद्यमी (Successful women entrepreneurs) बन गई है.       

अंजलि को ट्रेनिंग में क्‍या सिखाया? 

अहमदनगर की रहने वाली अंजलि को बीएआईएफ इंस्टीट्यूट (BAIF Institute) द्वारा ट्रेंड किया गया. ट्रेनिंग के बाद उन्‍हें गांव को पहला ई-दोस्‍त बनाया गया. ई-दोस्‍त बनने के बाद अंजलि कई गांवों में बैंकिंग फैसिलिटी देने लग गई. इस काम से उन्‍होंने ग्रामीणों की सालों पुरानी समस्‍या को हल कर दिया. इसके अलावा खुद भी अच्‍छा पैसा कमाने लगीं. उन्‍होंने अपने व्‍यापार में इतनी प्रगति कर ली कि 10 महीनों में उन्‍होंने लगभग 9 लाख 60 हजार रुपये का कारोबार किया. 

ग्रामीणों की सालों पुरानी समस्‍या खत्‍म कर दी 

ई-दोस्त बनकर उन्‍होंने ग्रामीणों की सालों पुरानी समस्‍या को खत्‍म कर दिया. आज अंजलि अपने पथार्दी गांव के अलावा 4 और गांवों में बैंकिंग सेवा दे रही हैं. इससे ग्रामीणों को अब पैसे का लेनदेन करने या बिल भरने के लिए अपने घर से 15 से 20 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ता. गांव के लोग बैंकिंग समस्‍या को लेकर इतने परेशान थे कि उन्‍हें एक छोटा सा ट्रांजेक्शन करने के लिए भी कई किलोमिटर दूर जाना होता था, जिस वजह से उनके 20 से 30 रुपये खर्च हो जाते थे. आज वे इतनी सफल कारोबारी बन गई हैं कि दस महीनों में उन्‍होंने लगभग 9 लाख 60 हजार रुपये का कारोबार किया. ये काम करके उन्‍होंने अपना व्‍यापार भी बढ़ाया और ग्रामीणों के बीच लोकप्रियता भी पाई.   

कैसे किया कारोबार? 

ई-दोस्त की ट्रेनिंग मिलने के बाद अंजलि ने घर-घर बैंकिंग सेवा देना शुरु कर दी. उन्‍हें 2018 में ट्रेनिंग ली थी. उन्‍होंने लॉकडाउन के दौरान, मई में 5,02,620 का कारोगार किया. अंजलि अपने एंड्रॉयड फोन और कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्‍यम से ही अपना कारोबार कर रही हैं.  

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