World Purple Day 2024: मिर्गी को लेकर न फैलाएं गलतफहमी! इन 5 मिथकों की जानें सच्चाई
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World Purple Day 2024: मिर्गी को लेकर न फैलाएं गलतफहमी! इन 5 मिथकों की जानें सच्चाई

मिर्गी एक आम बीमारी है और दुनिया भर में करीब 5 करोड़ लोग इससे ग्रस्त हैं. भारत में भी मिर्गी के मरीजों की संख्या काफी अधिक है. हालांकि, मिर्गी के बारे में समाज में आज भी कई गलतफहमियां हैं.

World Purple Day 2024: मिर्गी को लेकर न फैलाएं गलतफहमी! इन 5 मिथकों की जानें सच्चाई

हर साल 26 मार्च को पर्पल डे मनाया जाता है. इसका उद्देश्य मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इस आम न्यूरोलॉजिकल बीमारी को समझना है. यह दिन मिर्गी से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है, साथ ही इस स्थिति के साथ जीने की चुनौतियों और अच्छे पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मिर्गी एक आम बीमारी है और दुनिया भर में करीब 5 करोड़ लोग इससे ग्रस्त हैं. भारत में भी मिर्गी के मरीजों की संख्या काफी अधिक है. हालांकि, मिर्गी के बारे में समाज में आज भी कई गलतफहमियां हैं. आइए, आज वर्ल्ड पर्पल डे के मौके पर मिर्गी से जुड़े 5 मिथकों को तोड़ें.

मिथक 1: मिर्गी एक मानसिक बीमारी है.
तथ्य: मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो दिमाग में असामान्य इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण होता है. मिर्गी का मानसिक बीमारी से कोई सीधा संबंध नहीं है.

मिथक 2: मिर्गी छूत की बीमारी है.
तथ्य: मिर्गी छूत की बीमारी नहीं है. आप किसी मिर्गी के मरीज को छूने या उनके साथ रहने से इस बीमारी को ग्रहण नहीं कर सकते.

मिथक 3: मिर्गी का कोई इलाज नहीं है.
तथ्य: मिर्गी का इलाज संभव है. ज्यादातर मामलों में दवाओं की मदद से दौरे को कंट्रोल किया जा सकता है. कुछ मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है.

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मिथक 4: मिर्गी का मरीज सामान्य जीवन नहीं जी सकता.
तथ्य: मिर्गी का मरीज दवाओं के नियमित सेवन और डॉक्टरी सलाह का पालन करके सामान्य जीवन जी सकता है. मिर्गी के मरीज पढ़ाई, काम और शादीशुदा जिंदगी, सब कुछ अच्छे से कर सकते हैं.

मिथक 5: मिर्गी के दौरे के समय मुंह में चम्मच या कोई चीज डालनी चाहिए?
तथ्य: मिर्गी के दौरे के समय व्यक्ति को चोट लगने से बचाने के लिए उसके पास कोई नुकीली चीज नहीं रखनी चाहिए. दौरे के समय व्यक्ति को आरामदायक स्थिति में लिटाएं और उसके आसपास की जगह खाली कर दें. दौरे के रुकने के बाद ही उसे उठाने की कोशिश करें.

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मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाने से समाज में मिथकों को दूर करने और मिर्गी से पीड़ित लोगों के प्रति सही व्यवहार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. यदि आपको या आपके किसी परिचित को मिर्गी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. जल्दी पहचान और इलाज से मिर्गी के दौरे को कंट्रोल किया जा सकता है और एक हेल्दी जीवन जिया जा सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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