Dengue Cases in Delhi: दिल्ली में हर साल सबसे ज्यादा डेंगू के केस क्यों आते हैं? जानिए कहां रह जाती है कमी
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Dengue Cases in Delhi: दिल्ली में हर साल सबसे ज्यादा डेंगू के केस क्यों आते हैं? जानिए कहां रह जाती है कमी

Dengue in Delhi-NCR: दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाएं देश के कई हिस्सों से बेहतर मानी जाती है, लेकिन फिर क्या कारण है कि राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू बुखार के मामले और शहरों के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं, आखिर कहां हो रही है गलती? 

 

Dengue Cases in Delhi: दिल्ली में हर साल सबसे ज्यादा डेंगू के केस क्यों आते हैं? जानिए कहां रह जाती है कमी

Why is Delhi Reporting the highest number of Dengue Cases Every Year: पिछले एक हफ्ते में राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है. दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा जारी किए गए डिजीज ट्रांसमिशन रिपोर्ट के मुताबिक मच्छरों की वजह से होने वाली बीमारियों 348 मामले पाए गए हैं. दिल्ली में हर साल डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, इसलिए इस गंभीर मसले पर तुरंत ध्यान देने और मिलकर एक्शन लेने की जरूरत हैं क्योंकि ये समस्या जटिल एवं बहुआयामी है. आइए इसके पीछे की बड़ी वजहों पर नजर डालते हैं.

दिल्ली में डेंगू मामले क्यों हैं ज्यादा?

1. मच्छरों के लिए बेहतर ब्रीडिंग ग्राउंड
दिल्ली में डेंगू की चिंताजनक हालत के लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं. सीके बिड़ला हॉस्पिटल के लीड कंसल्टेंट डॉ. त्रिभुवन गुलाटी (Dr. Tribhuvan Gulati) के मुताबिक, देश की राजधानी में, डेंगू वायरस के वाहकों में से एक, एडीज़ मच्छर (Aedes Mosquito), उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण पनपता है. इस परेशानी को हाई डेंसिटी पॉप्युलेशन और शहरीकरण ने और भी बदतर बना दिया है, जो घरों के पास खड़े पानी जैसे मच्छरों के प्रजनन के लिए बहुत सारे जगह बनाता है. 

2. जागरूकता की कमी
आम लोगों के बीच जागरूकता की कमी एक अहम वजह है. कई लोगों को चीजों को साफ रखने, कीटनाशक का इस्तेमाल करने और पूरे बांह के कपड़े पहनने जैसे प्रैक्टिकल उपायों के बारे में जानकारी नहीं है. लोगों को अपने मोहल्ले और खुद की सुरक्षा के लिए जरूरी जानकारी हासिल करने के लिए पहल करनी चाहिए.

3. वेस्ट मैनेजमेंट की प्रॉब्लम
सही तरीके से वेस्ट मैनेजमेंट नहीं होना और खराब सैनिटेशन की समस्या डेंगू के खतरे को और ज्यादा बढ़ा देती है. अगर आप खुले में कूड़ा फेंकते हैं तो मच्छरों के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड तैयार होता है. स्थानीय प्रशासन को सही तरीके से कचरे का डिस्पोजल करा चाहिए साथ ही नाले और ड्रेनेज की क्लीनिंग भी जरूरी है.

4. शहर की बढ़ती आबादी
एक बड़ी आबादी का शहरों की तरफ पलायन करना, इस समस्या को और भी ज्यादा विकराल बना देता है, और जाने-अनजाने में डेंगू के फैलने का काऱण बनता है. डो लोग डेंगू प्रभावित इलाके से किसी दूसरी जगह जाते हैं वो वायरस को अपने साथ ले जाते हैं और फिर अप्रभावित क्षेत्रों में फैलने का कारण बनते हैं.

कैंसे जीत सकते हैं डेंगू के खिलाफ जंग?
दिल्ली में बढ़ते डेंगू के कहर से उचित तरीके से निपटने के लिए एक बेहतर और प्रभावी प्लान की जरूरत है. इसमें चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इलाज की पूरी गारंटी के अलावा लोगों में जागरूकता बढ़ाने, वेस्ट मैनेजमेंट बेहतर करने और सभी अथॉरिटीज के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिशों को बढ़ावा देना शामिल है. 

इस बात को हमेशा याद रखें कि डेंगू के खिलाफ हम तभी कामयाब हो पाएंगे जब आम जनता, स्थानीय प्रशासन और हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और मिलकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ेंगे. इस तरह दिल्ली में हर साल आने वाले डेंगू के खतरे को कम किया जा सकता है.

 

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