Throat Cancer: खर्राटे लेने वालों को कैंसर का खतरा अधिक, जानिए इस समस्या से कैसे पाएं निजात?
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Throat Cancer: खर्राटे लेने वालों को कैंसर का खतरा अधिक, जानिए इस समस्या से कैसे पाएं निजात?

Snoring side effects: नींद में खर्राटे लेने की आदत से लोग न केवल अपने जीवनसाथी की नाराजगी का शिकार हो सकते हैं, बल्कि इससे आपके स्वास्थ्य पर अन्य साइड इफेक्ट भी पड़ सकते हैं.

Throat Cancer: खर्राटे लेने वालों को कैंसर का खतरा अधिक, जानिए इस समस्या से कैसे पाएं निजात?

Snoring side effects: नींद में खर्राटे लेने की आदत से लोग न केवल अपने जीवनसाथी की नाराजगी का शिकार हो सकते हैं, बल्कि इससे आपके स्वास्थ्य पर अन्य साइड इफेक्ट भी पड़ सकते हैं. खरटि लेने का कारण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) भी हो सकता है. एक हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि 'ओएसए' से पीड़ित लोगों में गले के कैंसर का जोखिम अधिक होता है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक सामान्य नींद में सांस लेने से जुड़ा विकार है. यह नींद के दौरान ऊपरी श्वसन मार्ग में सांस रुकने का कारण होता है. इस लक्षण से प्रभावित लोगों को खरटि आते हैं. स्पेन के बार्सिलोना में यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी (ईआरएस) में प्रस्तुत एक बड़े अध्ययन के मुताबिक, अधिक वजन वाले, डायबिटीज से ग्रसित और धूम्रपान व शराब का सेवन करने वालों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है.

खून में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है
शोधकर्ताओं ने बताया कि एक दूसरे अध्ययन से पता चलता है कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बुजुर्गों की शक्तियों में गिरावट से भी जुड़ा था. विशेष कर यह गिरावट 74 वर्ष से अधिक आयु वालों में देखी गई है. शोधकर्ताओं ने बताया कि तीसरे अध्ययन में पाया गया कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से ग्रसित लोगों के खून में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है. लंबे समय तक सांस के रुके रहने से हाई ब्लड प्रेशर, दिल से जुड़ी बीमारी, कार्डियक अरेस्ट और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

कैंसर की वजह तलाशने की सलाह
शोधकर्ता डॉ. एंड्रियास पाम ने बताया कि ओएसए से ग्रसित लोगों का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टरों को उनमें कैंसर की वजहों का भी पता करना चाहिए. क्योंकि अध्ययन के निष्कर्ष में स्पष्ट सबूत मिले हैं कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया कैंसर का कारण बन सकता है. इससे कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है.

ऑक्सीजन की कमी कैंसर से जुड़ी
स्वीडन में उप्साला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. एंड्रियास पाम ने बताया कि यह कयास पहले ही लगाया जाता रहा है कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के मरीजों में कैंसर का खतरा होता है. हालांकि, स्पष्ट नहीं था कि यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण ही होता है या खराब लाइफस्टाइल की वजह से होता है. उन्होंने कहा कि अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि ओएसए के कारण खून में ऑक्सीजन की कमी कैंसर से जुड़ी पाई गई.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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