मां-बाप अपने बच्चों को दें खुशनुमा माहौल, बचपन के तजुर्बे से जुड़ी है उनके ब्रेन की सेहत
Advertisement
trendingNow12583608

मां-बाप अपने बच्चों को दें खुशनुमा माहौल, बचपन के तजुर्बे से जुड़ी है उनके ब्रेन की सेहत

बच्चों की अच्छी देखभाल क्यों जरूरी है इसका पता एक रिसर्च में चला है, इसमें बताया गया है कि चाइल्डहुए एक्सपीरिएंस ब्रेन डेवलपमेंट और जीन को शेप करने में अहम रोल अदा करते हैं. 

मां-बाप अपने बच्चों को दें खुशनुमा माहौल, बचपन के तजुर्बे से जुड़ी है उनके ब्रेन की सेहत

Importance of Childhood Experiences; हाल की में  वैज्ञानिकों ने बताया कैसे बचपन के अनुभव हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं. रिसर्चर्स की एक टीम ने ये समझने में अहम जानकारी हासिल की है कि बचपन के एक्सपीरिएंस हमारी जिंदगी को बायोलॉजिकली से कैसे प्रभावित करते हैं. ये तजुर्बे हमारे जीन और ब्रेन की सेहत को बदलकर लंबे वक्त तक हमारी हेल्थ पर असर डालते हैं.

बचपन का ब्रेन हेल्थ से रिश्ता
कनाडा (Canada) की मैकगिल यूनिवर्सिटी McGill University के मशहूर न्यूरोसाइंटिस्ट, डॉ. माइकल मीनि (Dr. Michael Meaney) ने 'जीनोमिक साइकाइट्री' (Genomic Psychiatry) नामक जर्नल में एक इंटरव्यू के दौरान इस विषय पर अपनी खोजें साझा की.. उन्होंने बताया कि जीन और एनवायरनमेंट का ब्रेन के हेल्थ पर क्या असर पड़ता है. 

हर किसी ब्रेन डेवलपमेंट अलग-अलग
डॉ. माइकल ने कहा, "मैं हमेशा से यह जानने में दिलचस्पी रखता था कि ब्रेन के विकास और फंक्शन में व्यक्ति-विशेष की अलग-अलग विशेषताएं कैसे बनती हैं." उनके इस काम ने उन्हें अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज (American Academy of Arts and Sciences) और "ऑर्डर ऑफ कनाडा" (Order of Canada) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान दिलाए.

किसे हुई रिसर्च की शुरुआत
उनकी रिसर्च जर्नी की शुरुआत एक आसान सवाल से हुई: "लोग एक-दूसरे से इतने अलग क्यों होते हैं?" इस जिज्ञासा ने उन्हें एपिजेनेटिक्स (Epigenetics) के फील्ड में नई खोजों तक पहुंचाया. एपिजेनेटिक्स ये स्टडी करता है कि एनवायरनमेंट फैक्टर्स बिना डीएनए को बदले हमारे जीन के कामकाज को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.

बच्चों का कितना भला होगा?
डॉ. मीनि का कहना है, "हम अक्सर उन बातों और तकनीकों को जल्दी अपना लेते हैं, जो आम जनता को अट्रैक्ट करती हैं और बड़ी खबर बनती हैं. लेकिन ये बातें ब्रेन की सेहत की जटिल सच्चाई को सही तरीके से नहीं दिखा पातीं." इन खोजों से एक अहम सवाल खड़ा होता है: क्या हम इन वैज्ञानिक जानकारियों का इस्तेमाल बच्चों के विकास में मदद करने के लिए कर सकते हैं? शुरुआती अनुभवों का बच्चों की सहनशीलता पर क्या असर होता है?

ये इंटरव्यू "जीनोमिक प्रेस" की एक खास सीरीज का हिस्सा है, जो आज के इंफ्लूएंशियल साइंटिफिक आइडियाज के पीछे के लोगों को उजागर करती है. इस सीरीज में वैज्ञानिकों के रिसर्च और उनके व्यक्तिगत विचारों का मिश्रण होता है, जो पाठकों को विज्ञान और मानव जीवन से जुड़ी कहानियों का व्यापक नजरिया देता है.  स्टडी के ऑथर्स का कहना है कि ये फॉर्मेट वैज्ञानिकों के काम और उनके व्यापक मानवीय प्रभाव को समझने के लिए एक शानदार शुरुआत है.

(इनपुट-आइएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

Trending news