Autism Awareness day: हाथों में बैनर लिए बच्चों ने ऑटिज्म के प्रति लोगों को किया जागरूक, निकाली रैली
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Autism Awareness day: हाथों में बैनर लिए बच्चों ने ऑटिज्म के प्रति लोगों को किया जागरूक, निकाली रैली

गाजियाबाद में आज मंगलवार को एक रोड शो आयोजित किया गया. इस रोड शो का उद्देश्य लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरूक करना और इस अवस्था से पीड़ित बच्चों के प्रति सहानुभूति और समझदारी पैदा करना था. रोड शो शिप्रा मॉल से शुरू हुआ और शहर के कई जगहों से होकर गुजरा.

 

Autism Awareness day: हाथों में बैनर लिए बच्चों ने ऑटिज्म के प्रति लोगों को किया जागरूक, निकाली रैली

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस (world autism awareness day 2024) के अवसर पर, गाजियाबाद में आज मंगलवार को एक रोड शो आयोजित किया गया. इस रोड शो का उद्देश्य लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरूक करना और इस अवस्था से पीड़ित बच्चों के प्रति सहानुभूति और समझदारी पैदा करना था. रोड शो में बच्चों के माता-पिता, एजुकेटर और थेरेपिस्ट सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए. वे हाथों में बैनर और पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर ऑटिज्म के बारे में स्लोगन लिखे हुए थे. रोड शो शिप्रा मॉल से शुरू हुआ और शहर के कई जगहों से होकर गुजरा.

आइंस्टीन और न्यूटन जैसे साइंटिस्ट भी ऑटिज्म से रह चुके हैं पीड़ित

इस दौरान लोगों को ऑटिज्म के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक अवस्था है. ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे दूसरों से अलग तरीके से सोचते और व्यवहार करते हैं. उन्हें सामाजिक संपर्क और बात चीत में कठिनाई हो सकती है. रोड शो में यह भी बताया गया कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में अक्सर असाधारण प्रतिभा होती है. आइंस्टीन, न्यूटन और मोजार्ट जैसे महान वैज्ञानिक और संगीतकार भी इस अवस्था से पीड़ित थे.

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रोड शो का आयोजन करने वाले लोगों का कहना है कि हमारे देश में ऑटिज्म के बारे में जागरूकता की कमी है. न तो स्कूलों में इन बच्चों को शिक्षा मिल पाती है और न ही उनकी प्रतिभा को समझा जाता है. इस रोड शो के माध्यम से लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरूक करने और इस अवस्था से पीड़ित बच्चों के प्रति सहानुभूति और समझदारी पैदा करने का प्रयास किया गया.

ऑटिज्म के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें--

ऑटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर है, जो बच्चों के सामाजिक संपर्क और कम्यूनिकेशन करने की क्षमता को प्रभावित करता है.
ऑटिज्म का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की थेरेपी उपलब्ध हैं.
ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को शिक्षा और प्रोत्साहन प्रदान करना जरूरी है ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें.
अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित हो सकता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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