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Fair Skin: इस देश के लोग हैं दुनिया में सबसे ज्यादा गोरे, भारत से हजारों साल पुराना कनेक्शन, पर फेयर स्किन से खुश नहीं लोग

Most Fairish People: सुंदर दिखना भला किसे अच्छा नहीं लगता. सुंदर दिखने के लिए लोग गोरा रंग चाहते हैं. इसके लिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर खूब खर्च करते हैं, लेकिन एक देश ऐसा है जहां के लोग गोरे होने से परेशान हैं. 

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दुनिया में हर कोई सुंदर दिखना चाहता है. आमतौर पर गोरे रंग को सुंदरता के लिए सबसे जरूरी माना जाता है. यही वजह है कि लोग गोरे होने के लिए या गोरी त्वचा पाने के लिए तमाम प्रोडक्ट्स को यूज करते हैं. कुछ लोग सर्जरी तक का सहारा लेते हैं. अधिकतर लोग चाहते हैं कि वो गोरे दिखें, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं हैं. दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां के लोग गोरेपन से परेशान हैं. इस देश के लोगों को सबसे ज्यादा गोरा माना जाता है. 

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आयरिश पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयरिश लोगों की स्किन दुनिया में सबसे ज्यादा गोरी है. इसकी बड़ी वजह उनके जीन्स हैं, जो विरासत में उनको मिले हैं. साथ ही यहां का वातावरण भी इसमें अहम भूमिका निभाता है. 

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दरअसल, आयरलैंड ऐसी जगह है जहां यूवी रेडिएशन कम होता है. इससे  वहां के लोगों की त्वचा लाइट स्किन पिग्मेंटेशन डेवलप करती है और फिर इसकी वजह से लोगों की स्किन का कलर इतना गोरा रहता है.

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ये है गोरे होने की वजह : यूएस पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक स्टडी कहती है कि SLC24A5 नाम का जीन स्किन पिग्मेंटेशन और उसमें हुआ म्यूटेशन ये तय करता है कि स्किन कितनी गोरी होगी.

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आयरलैंड के लोगों में इसी से जुड़ा म्यूटेशन A111T पाया गया. रिपोर्ट के अनुसार पेल स्किन के लिए जिम्मेदार ये म्यूटेशन जिनमें भी मिला, उनके जेनेटिक कोड किसी एक ही व्यक्ति से निकले हैं.

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लेकिन खुश नहीं महिलाएं : वैसे तो अधिकतर लोग गोरा रंग चाहते हैं, लेकिन इस देश में ऐसा नहीं है. सर्वे के अनुसार, 61% आयरिश लोग बहुत ज्यादा गोरी त्वचा होने के कारण खुद को दूसरे देशों के लोगों के मुकाबले 'अनअट्रैक्टिव' मानते हैं.

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सर्वे के मुताबिक हर 10 में से एक आयरिश महिला ने माना कि वे मेकअप, सन-टैन लोशन और सनबैड के बिना नहीं रह सकतीं. ये तीनों ही उनकी स्किन को थोड़ा टैन्ड/डार्क बनाने में मदद करते हैं. अधिकतर महिलाएं इन्हें यूज करती हैं.

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तो क्या इसके पीछे है भारत कनेक्शन! : रिसर्च की मानें तो इस जीन के लिए कौन जिम्मेदार है इसका पता लगाना आसान नहीं है. पर बताया गया है कि ये व्यक्ति 10 हजार साल पहले भारत या फिर मिडिल ईस्ट का रहने वाला था और उसके वंशज अपने जीन को इबेरिया प्रायद्वीप के जरिए आयरलैंड ले आए, जो जेनरेशन के साथ बढ़ता चला गया.

 

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