Covid After Effects: कोविड से ठीक होने पर चपेट में लेने को तैयार बैठी हैं ये घातक बीमारियां, इन लक्षणों से रहें अलर्ट
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Covid After Effects: कोविड से ठीक होने पर चपेट में लेने को तैयार बैठी हैं ये घातक बीमारियां, इन लक्षणों से रहें अलर्ट

Long Covid effects: वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में कहा गया कि जो लोग कोविड की चपेट में थे, उनमें इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित होने की संभावना 50 प्रतिशत ज्यादा थी.

Covid After Effects: कोविड से ठीक होने पर चपेट में लेने को तैयार बैठी हैं ये घातक बीमारियां, इन लक्षणों से रहें अलर्ट

Coronavirus Effects: कोरोना ने लोगों की जिंदगी तबाह कर दी है. चीन के वुहान शहर से निकला यह वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है. इस वायरस के वैरिएंट्स तो और खतरनाक हैं, जिन्होंने लोगों को जानलेवा बीमारियों के मुंह में धकेल लिया है. अगर आपको यह लगता है कि कोविड से आप पूरी तरह ठीक हो चुके हैं तो गलफत में मत रहिए. दिल से लेकर दिमाग तक को खतरे में डालने वाला कोविड मानव जीवन के लिए बड़ा जोखिम है. डब्ल्यूएचओ समेत कई अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों ने भी यह मान लिया है कि कोविड का प्रभाव लंबे वक्त तक रहता है. न्यूरोसर्जरी जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग पहले से कोविड से संक्रमित हैं, उनमें स्ट्रोक के गंभीर होने की संभावना ज्यादा होती है. 

जबकि वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में कहा गया कि जो लोग कोविड की चपेट में थे, उनमें इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित होने की संभावना 50 प्रतिशत ज्यादा थी. यह तब होता है, जब खून का थक्का या अन्य रुका हुआ खून और ऑक्सीजन की सप्लाई दिमाग तक नहीं हो पाती. सबसे ज्यादा होने वाले स्ट्रोक का प्रकार इस्केमिक स्ट्रोक है.

इस्केमिट स्ट्रोक में क्या होता है?

इस्केमिक स्ट्रोक में ब्रेन डैमेज, पैरालिसिस या मौत, आंखों की समस्याएं, संज्ञानात्मक भ्रम, बोलने में मुश्किल,शरीर के एक तरह का हिस्सा महसूस ना होना जैसा लगता है. 

शरीर को मिलते हैं ये संकेत

सीडीसी के मुताबिक, स्ट्रोक आने पर पैरों और चेहरे समेत शरीर के एक हिस्से में अकड़न या कमजोरी महसूस हो सकती है. आपको चलने में परेशानी, सिर घूमना, लड़खड़ाना, बोलने-समझने में परेशानी जैसा फील हो सकता है. 

दिमाग को भी पहुंचाता है नुकसान

स्ट्रोक ही नहीं, कोविड कई और तरीकों से भी दिमाग पर असर डालता है. लॉन्ग कोविड में डिप्रेशन, चिंता, माइग्रेन के सिरदर्द, याददाश्त समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है. इसके अलावा कंपकंपी, मूवमेंट डिसऑर्डर, सुनने और देखने में असमानता, मांसपेशियों में संकुचन और संतुलन में मुश्किल जैसी कठिनाइयां झेलनी पड़ती हैं. 

वैक्सीन घटा सकती है परेशानी

हालांकि कोविड वैक्सीन लॉन्ग कोविड के लक्षणों को कम करने के लिए जिम्मेदार नहीं है. लेकिन यह कुछ हद तक असरदार है. वैक्सीन दिमाग पर कोविड के असर को 20 प्रतिशत तक कम कर देती है.  

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