फिर झारखंड के सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन, विधानसभा चुनाव पर नजर.. संभालेंगे कमान
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फिर झारखंड के सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन, विधानसभा चुनाव पर नजर.. संभालेंगे कमान

Jharkhand News: झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों और प्रमुख नेताओं की बैठक में इस पर लगभग सहमति बन गई है. बैठक में तय हुआ है कि मौजूदा सीएम चंपई सोरेन पद से इस्तीफा देंगे और उनकी जगह हेमंत सोरेन शपथ लेंगे. जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी.

फिर झारखंड के सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन, विधानसभा चुनाव पर नजर.. संभालेंगे कमान

Hemant Soren CM: करीब छह महीने बाद एक बार फिर से हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बनेगे. असल में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन राज्य में सीम के तौर पर वापसी कर सकते हैं. गठबंधन के विधायकों के बीच सर्वसम्मति के बाद यह निर्णय लिया गया है. जानकारी गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया.

गठबंधन की बैठक में फैसला

यह भी बात सामने आई है कि इस बैठक में चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. मुख्यमंत्री के रूप में एक बार फिर शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे. इस बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी मौजूद थीं.

28 जून को जेल से रिहा 

मालूम हो कि हाई कोर्ट द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े मामले में जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था. उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 28 जून को ही हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से रेगुलर बेल मिलने और पांच महीने बाद उनके जेल से बाहर आने के साथ ही राज्य में राजनीतिक परिस्थितियां अचानक से बदलने लगीं.

चुनाव में अगुवाई हेमंत ही करेंगे

इसी बीच हेमंत सोरेन ने मंगलवार शाम सीएम चंपई सोरेन से मुलाकात की थी. फिर बुधवार की बैठक में यह भी तय हुआ कि अगले तीन से चार महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन की अगुवाई हेमंत सोरेन ही करेंगे. जब हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था, तब उसके पहले भी उनके गठबंधन ने यही तरीका अपनाया था. गठबंधन के विधायकों ने हेमंत सोरेन को फैसले के लिए अधिकृत कर दिया था. जैसे ही ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया, उन्होंने तत्काल चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था.

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