आईसीएमआर ने हाल ही में जारी किए गए गाइडलाइन्स में यह सलाह दी है कि चीनी की मात्रा को प्रतिदिन 25 ग्राम तक सीमित कर देना चाहिए या फिर इसे पूरी तरह से डाइट से बाहर निकाल देना चाहिए.
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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में जारी किए गए गाइडलाइन्स में यह सलाह दी है कि चीनी की मात्रा को प्रतिदिन 25 ग्राम तक सीमित कर देना चाहिए या फिर इसे पूरी तरह से डाइट से बाहर निकाल देना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि एक्स्ट्रा चीनी खाने को सिर्फ कैलोरी तो देती है, लेकिन कोई पोषण मूल्य नहीं देती.
ICMR के गाइडलाइन्स के अनुसार, "रोजाना कुल ऊर्जा खपत का 5 प्रतिशत से ज्यादा या 2000 किलो कैलोरी (kcal) प्रतिदिन के औसत सेवन के आधार पर 25 ग्राम चीनी का सेवन 'ज्यादा चीनी' के रूप में परिभाषित किया जाता है." दस्तावेज में यह भी बताया गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपनी सिफारिश को संशोधित करने पर विचार कर रहा है और चीनी से मिलने वाली कैलोरी को घटाकर 5% किलो कैलोरी प्रतिदिन से भी कम करने की सोच रहा है.
ICMR के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सेहत के लिए चीनी को 25 ग्राम तक सीमित करना बेहतर है. अगर मुमकिन हो तो एक्स्ट्रा चीनी को पूरी तरह से डाइट से बाहर निकाल देना चाहिए क्योंकि इससे सिर्फ कैलोरी ही मिलती है और कोई पोषण मूल्य नहीं मिलता.
रिफाइंड और नेचुरल चीनी में अंतर
गाइडलाइन्स में एक्स्ट्रा चीनी और नेचुरल रूप से पाई जाने वाली साधारण चीनी में अंतर स्पष्ट किया गया है. एक्स्ट्रा चीनी से मतलब है कि वह चीनी या चाशनी जो खाने और ड्रिंक्स को प्रोसेसिंग और तैयार करने के दौरान डाली जाती है. इसमें सुक्रोज (टेबल शुगर), गुड़, शहद, ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, डेक्सट्रोज आदि शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ, नेचुरल रूप से पाई जाने वाली चीनी वे होती हैं जो फूड में पहले से ही मौजूद होती हैं. उदाहरण के लिए, फलों में पाए जाने वाले ग्लूकोज या फ्रुक्टोज जैसी मोनोसैकराइड और दूध में पाए जाने वाली सुक्रोज या लैक्टोज जैसी डिसैकराइड नेचुरल रूप से पाई जाने वाली चीनी हैं.
ICMR का क्या कहना?
ICMR का कहना है कि रिफाइंड चीनी में कोई विटामिन या मिनरल नहीं होते हैं. एपेक्स मेडिकल रिसर्च बॉडी कहती है कि नेचुरल रूप से मौजूद मात्रा से अधिक चीनी डालने से भोजन में कुल कैलोरी की मात्रा तो बढ़ जाती है, लेकिन कोई पोषण मूल्य नहीं मिलता. एक्स्ट्रा चीनी से भरपूर डाइट मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारी, कैंसर और यहां तक कि डिमेंशिया जैसी पुरानी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है. दूसरी तरफ, फलों, सब्जियों और साबुत अनाजों का अधिक सेवन करने से पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. गाइडलाइन्स में कहा गया है कि कैलोरी तभी स्वस्थ्य होती है जब उसके साथ विटामिन, मिनरल और फाइबर भी मिले.