देश के हर राज्य में जैसे मुख्यमंत्री होता है, वैसे ही एक राज्यपाल भी होता है. मुख्यमंत्री का चुनाव विधानसभा चुनावों के जरिये होता है. ये हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि राज्यपाल कैसे चुने जाते हैं? उनके पास कौन से पावर्स होते हैं और उन्हें कितनी सैलरी मिलती है. आइये जानते हैं...
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राज्यपाल एक नाममात्र का मुखिया या संवैधानिक मुखिया होता है और ऐसा भी कहा जाता है कि वह केंद्र का एजेंट भी होता है. क्योंकि केंद्र सरकार हर राज्य में राज्यपाल को नामित करती है. यह दोहरी भूमिका हमेशा से ही चर्चा में रही है और यही वजह है कि IAS परीक्षा के लिए भी ये एक इम्पॉर्टेंट टॉपिक है. इस लेख में बताया गया है कि किसी राज्य का राज्यपाल कैसे चुना जाता है. राज्यपाल बनने के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए और एक राज्यपाल कितने साल के लिए अपने पद पर बने रह सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब आइये यहां जानते हैं:
कैसे चुना जाता है राज्यपाल | How is a Governor Appointed
हर राज्य के लिए देश का राष्ट्रपति ही अपने हस्ताक्षर और मुहर लगाकर राज्यपाल की नियुक्ति करते हैं. प्रत्येक राज्य के लिए राज्यपाल को नामित करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है. राष्ट्रपति के चुनाव के विपरीत, राज्यपाल के पद के लिए कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष चुनाव नहीं होता है. राज्यपाल का पद संघ की कार्यकारिणी का हिस्सा नहीं है और यह एक स्वतंत्र संवैधानिक पद है. राज्यपाल संघ सरकार की सेवा नहीं करता है और न ही उसके अधीन होता है. भारत में संघ द्वारा राज्यपाल का नामांकन और राष्ट्रपति द्वारा उसकी नियुक्ति कनाडा के शासन मॉडल पर आधारित है.
कितने साल के लिए बनाए जाते हैं राज्यपाल | Governor’s term
चूंकि राज्यपाल राष्ट्रपति की इच्छा पर ही पद धारण करता है, इसलिए उसके पद की कोई निश्चित अवधि नहीं होती. राष्ट्रपति राज्यपाल को हटा सकता है और उसे हटाने के लिए संविधान में कोई आधार नहीं बताया गया है. राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर भी किया जा सकता है. उसे फिर से नियुक्त भी किया जा सकता है.
बता दें कि राष्ट्रपति अगर चाहे तो राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी अस्थायी आधार पर राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर मान लें कि राज्यपाल की मृत्यु हो गई, तो उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.
योग्यता क्या होनी चाहिए | Who is qualified to become a Governor
लोकसभा या राज्यसभा के सदस्यों या यहां तक कि प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के मामले में भी पद पर बने रहने के लिए कुछ योग्यताएं होनी आवश्यक हैं, जबकि राज्यपाल को केवल दो योग्यताएं पूरी करनी होती हैं:
पहली योग्यता ये है कि वो भारत का नागरिक हो और दूसरी योग्यता उसकी उम्र 35 साल से ज्यादा होनी चाहिए.
लेकिन आपको बता दें कि किसी व्यक्ति को राज्यपाल के रूप में नामित करने से पहले सरकार दो परंपराओं का पालन करती है:
1. उस व्यक्ति को राज्यपाल के रूप में नियुक्त नहीं किया जाता जो राज्य से संबंधित हो. वह बाहरी व्यक्ति होना चाहिए, जिसका उस राज्य से कोई संबंध न हो.
2. राज्यपाल की नियुक्ति से पहले राष्ट्रपति, उस राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श लेते हैं. यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि दोनों परंपराएं निरपेक्ष नहीं हैं और कई मामलों में केंद्र सरकार द्वारा इन्हें अनदेखा किया गया है.
राज्यपाल की शक्तियां
राज्यपाल राज्य का चुनाव आयुक्त चुनता है. इसके अलावा वह राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य तथा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति को भी चुनता है. वह राज्य सरकार से जानकारी मांग सकता है. वह राष्ट्रपति से राज्य में संवैधानिक आपातकाल की सिफारिश कर सकता है. राज्य में राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल को राष्ट्रपति के एजेंट के रूप में व्यापक कार्यकारी शक्तियां प्राप्त होती हैं.
राज्य विधानमंडल को स्थगित करना और राज्य विधान सभाओं को भंग करना उनके अधिकार में है. वे हर साल के पहले सत्र में राज्य विधानमंडल को संबोधित करते हैं. यदि राज्य विधानमंडल में कोई विधेयक लंबित है, तो राज्यपाल उससे संबंधित विधेयक राज्य विधानमंडल को भेज सकते हैं या नहीं भी भेज सकते हैं.
राज्यपाल दंड से माफी दे सकता है. राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति राज्यपाल से परामर्श करते हैं.
राज्यपाल की सैलरी | Governor Salary in India
भारत में राज्यपाल का वेतन 350,000 रुपये प्रति माह होता है. इसमें बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और मकान किराया भत्ता शामिल है.