Non-Veg Food Side Effects: भारत में नॉन वेज के शौकीनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं एक हफ्ते में अगर 3 बार से ज्यादा मीट खाया जाए तो सेहत को बड़ा नुकसान हो सकता है.
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Side Effects of Eating Too Much Meat: , जिन लोगों को नॉन वेज फूड्स जैसे चिकन, मटन और रेड मीट खाना बहुत ज्यादा पसंद है तो ये खबर आपके लिए है. कुछ लोग मांसाहारी भोजन के इतने शौकीन होते हैं उनका बस चले तो वो हर दिन मांस ही खाएं. इस बात में कोई शक नहीं कि गोश्त प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स होता है जो शरीर को मजबूत बनाने के साथ ही आयरन, जिंक, विटामिं, और एसेंशियल फैटी एसिड से भरपूर होता है और सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. लेकिन अगर आप भी उन लोगों में से है जो रोजाना मीट खाते हैं तो अपनी इस आदत को आज ही बदल दीजिए वरना आप हार्ट डिजीज, डायबिटीज और निमोनिया जैसी 9 बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.
9 तरह की बीमारियों का रिस्क
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बीएमसी मेडिसिन नाम के जर्नल में छपी एक स्टडी में ये बात सामने आयी है कि अगर कोई इंसान हफ्ते में 3 दिन या इससे ज्यादा बार रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, और पोल्ट्री मीट जैसे-चिकन और टर्की का सेवन करता है तो उन्हें 9 अलग-अलग तरह की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है. इससे पहले हुई कई स्टडीज और रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का ज्यादा सेवन करने से पेट के कैंसर का जोखिम होता है. लेकिन इस स्टडी में ये बात सामने आई है कि मीट का सेवन बहुत ज्यादा करने का सीधा रिश्ता उन बीमारियों से है जिसकी वजह से सबसे ज्यादा लोग अस्पताल के चक्कर लगाते हैं.
इस रिसर्च के साथ ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन भी ये बात कई बार कह चुका है कि बहुत ज्यादा मांस खासकर रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन करने से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकते हैं. इस स्टडी में ब्रिटेन के 4 लाख 75 हजार मिडिल एज लोगों को शामिल किया गया. इस दौरान रिसर्चर्स ने इन लोगों की डाइट के साथ ही मेडिकल रिकॉर्ड और अस्पताल में भर्ती होने और मौत के आंकड़ों की भी जांच की. ये स्टडी 8 सालों तक चली. स्टडी में ये नतीजे सामने आए कि औसतन जिन प्रतिभागियों ने हफ्ते में 3 दिन या इससे ज्यादा बार मांस का सेवन किया उनकी हेल्थ ज्यादा खराब रही उन लोगों की तुलना में जिन्होंने कम मीट का इंटेक किया.
अनप्रोसेस्ड रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट अधिक खाने वाले लोगों में आईस्कैमिक हार्ट डिजीज, निमोनिया, डाइवर्टिकुलर डिजीज, कोलोन पॉलिप्स और डायबिटीज होने का जोखिम अधिक था. जबकि पोल्ट्री मीट अधिक खाने वाले लोगों में गैस्ट्रो-इसोफैगल रिफ्लक्स डिजीज गैस्ट्रिटाइटिस, ड्योडेनिटिस, डाइवर्टिकुलर डिजीज, गॉल ब्लैडर डिजीज और डायबिटीज होने का खतरा अधिक था. रोजाना 70 ग्राम अनप्रोसेस्ड रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन करने वालों में हार्ट डिजीज का खतरा 15 फीसदी और डायबिटीज होने का जोखिम 30 फीसदी ज्यादा था. इस रिसर्च से ये साबित होता है कि आप मीट का सेवन उतना ही करें जितना कि आपके शरीर को जरूरत है. अगर बेहिसाब गोश्त खाएंगे तो आप खुद का ही नुकसान करेंगे.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)