Heart Disease: दिल हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो पैदा होने से लेकर मरते दम तक लगातार धड़कता रहता है, लेकिन अगर इसका ख्याल न रखा गया तो कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं.
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Heart Attack Risk Factors: भारत में दिल के मरीजों की तादात काफी ज्यादा है, इसकी वजह हमारी बिगड़ती जीवनशैली और खान-पान की आदतें हैं, कुछ मामलों में ये जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है. हार्ट डिजीज जानलेवा हो सकती है, इसलिए डॉक्टर हमेशा इस खास अंग का ख्याल खने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या किसी सर्जरी की वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है, कई साल पहले की गई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है.
ये स्टडी न्यूयॉर्क में की गई जिसमें चौंकाने वाले खुलासे किए गए. रिसर्च के मुताबिक घुटने और कूल्हे की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद ये अंग तो सही से काम करने लगते हैं, लेकिन दिल को नुकसान पहुंच सकता है जो आगे चलकर हार्ट अटैक में तब्दील हो सकता है.
इस रिसर्च के नतीजे ये बताते हैं कि इस तरह की सर्जरी होने के बाद लॉन्ग टर्म में हार्ट अटैक का खतरा तो नहीं होता लेकिन कुछ वक्त के लिए नर्व और फेफड़ों में खून के थक्के जमने का जोखिम बन जाता है. जब ज्वाइंट कार्टिलेज (Joint Cartilage) यानी संयुक्त उपास्थियां और अस्थियां डैमेज होने लगती हैं तो घुटने या कुल्हे की सर्जरी ही दर्द और अकड़न से निजात पाने एवं गतिशीलता बनाए रखने के लिए इकलौता ऑप्शन हो सकता है.
अमेरिका (USA) की बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Boston University School of Medicine) ने इस पर रिसर्स किया था. इसके मेडीसिन एवं एपिडिमियोलोजी (Medicine and Epidemiology) के प्रोफेसर युकिंग झांग (Yuqing Zhang) ने बताया, ‘इस बात के सबूत हैं कि ज्वाइंट ट्रांसप्लांट सर्जरी (Joint Transplant Surgery) से बोन डिजीज के पेशेंट को दर्द से आराम मिलता है जिससे जीवन की क्वालिटी सुधर जाती है लेकिन इससे उनके दिल की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई.'
युकिंग झांग (Yuqing Zhang) ये भी बताया, ‘हमारी रिसर्च इस बात का पता करता है कि क्या जोड़ों की ज्वाइंट ट्रांसप्लांट सर्जरी से अस्थि रोगियों में गंभीर हृदय रोग का जोखिम घटता है या नहीं.’ उन्होंने ये भी बताया कि घुटना और कुल्हा प्रतिरोपण कराने वालों के लिए पहले महीने और उसके बाद कुछ समय के लिए ब्लड वेसेल्स में खून के थक्के जमने का खतरा रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)