COVID से लड़ने में मदद कर सकता है ये एक उपाय, अमेरिका के एक रिसर्च में सामने आया ये नतीजा
Advertisement

COVID से लड़ने में मदद कर सकता है ये एक उपाय, अमेरिका के एक रिसर्च में सामने आया ये नतीजा

Coronavirus: कोविड महामारी का खौफ भले ही आज कम हो गया है, लेकिन इसको लेकर अभी दुनियाभर में रिसर्च जारी है, फिलहाल अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के उपायों पर एक अहम रिसर्च सामने लाया है.

COVID से लड़ने में मदद कर सकता है ये एक उपाय, अमेरिका के एक रिसर्च में सामने आया ये नतीजा

Gargle With Salt Water For COVID: कोविड महामारी की शुरुआत साल 2019 के आखिर में चीन से हुई, फिर धीरे-धीरे इस महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. इसकी वजह से भारी तादाद में लोगों ने अपनी जान गंवाई, और इससे ज्यादा लोगों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़े. हाल में ही कोविड के नए वेरिएंट की खबरें आईं हैं. ऐसे में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन के अलावा नमक पानी के गरारे करने की सलाह दी है.

'नमक पानी के गरारे करें'
एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि नमक के पानी से गरारे करने से सांसों से जुड़े लक्षणों में सुधार और कोविड-19 बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है. जिससे अस्पताल में भर्ती होने से बचा जा सकता है. इस साल कैलिफोर्निया में आयोजित अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी की सालाना वैज्ञानिकों की मीटिंग में पेश की जा रही स्टडीज से पता चला कि गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस के संक्रमणों में नियंत्रण की तुलना में कम और उच्च खुराक वाले सलाइन डाइट दोनों ही अस्पताल में भर्ती होने की दर में कमी के साथ जुड़े हुए लगते हैं.

ऐसे की गई रिसर्च
टेक्सास यूनिवर्सिटी की टीम ने साल 2020 और 2022 के बीच गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सकारात्मक पीसीआर टेस्ट वाले 18-65 साल की उम्र के 58 लोगों को 14 दिनों के लिए कम या उच्च खुराक वाले सेलाइन आहार से गुजरने के लिए चुना. उनकी तुलना 9,398 लोगों के एक ग्रुप से की गई, जिन्हें कोविड था, लेकिन उन्हें गरारे करने या कुल्ला करने का निर्देश नहीं दिया गया था. निम्न- (18.5 प्रतिशत) और उच्च- (21.4 प्रतिशत) सलाइन आहार में अस्पताल में भर्ती होने की दर संदर्भ जनसंख्या (58.8 प्रतिशत) की तुलना में काफी कम थी. निम्न और उच्च-सलाइन आहार में अस्पताल में भर्ती होने की दरों में कोई अंतर नहीं था।

साइंटिस्ट ने क्या कहा?
टेक्सास यूनिवर्सिटी से जिमी एस्पिनोजा ने कहा, 'हमारा लक्ष्य कोरोनो वायरस संक्रमण से जुड़े श्वसन लक्षणों में सुधार के संभावित संबंध के लिए नमक के गरारे की जांच करना था, हमने पाया कि गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस संक्रमणों में नियंत्रण की तुलना में दोनों सलाइन आहार अस्पताल में भर्ती होने की दर को कम करते हैं. हमें उम्मीद है कि एसोसिएशन की आगे की जांच के लिए और अधिक अध्ययन किए जा सकते हैं.'

नया अध्ययन पिछले छोटे अध्ययनों के सबूतों का समर्थन करता है जो बताते हैं कि नमक के गरारे से कोविड वायरल लोड को कम किया जा सकता है. जबकि, संक्रामक-रोग विशेषज्ञों ने निष्कर्षों की सराहना की है, उन्होंने कहा कि इसके लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है और इस बात पर जोर दिया कि गरारे करना कभी भी टीकाकरण या दवाओं के साथ उपचार के विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

(इनपुट- आईएएनएस)

Trending news