बरसात के महीने में हर साल डेंगू बुखार का खतरा बढ़ जाता है. हर साल इस बीमारी की वजह से हजारों लोगों की जान जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि डेंगू ना केवल शरीर को, बल्कि ये हमारे ब्रेन को भी प्रभावित कर सकता है. आइये जानते है कि एक्सपर्ट क्या कहते हैं इस बारे में...
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Dengue Side Effect: दुनिया भर में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं और हाल के दिनों में इस बीमारी की गंभीरता में भी वृद्धि देखी गई है. डेंगू से शरीर को कई परेशानियां होती हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका वायरस हमारे मस्तिष्क पर को भी प्रभावित करता है. डेंगू के मामले बच्चों और किशोरों में ज्यादा बढे हैं. ये डेंगू एन्सेफैलोपैथी के मामले हैं. डेंगू वायरस के कारण मस्तिष्क में सूजन आ जाती है. इसकी वजह से नींद न आना और यहां तक कि दौरे जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. बायोरेक्सिव में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 'SARS-CoV-2 एंटीबॉडी क्रॉस-रिएक्ट करते हैं और डेंगू संक्रमण को बढ़ाते हैं. यह एक और कारण हो सकता है कि डेंगू घातक और गंभीर हो गया है, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों पर असर पड़ने का खतरा है.
मस्तिष्क पर डेंगू के असर पर तब ध्यान गया जब डब्ल्यूएचओ ने 2009 में डेंगू के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए. इसमें कहा गया कि इस बीमारी को सीएनएस (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) की बीमारी में शामिल करना चाहिए. इसका मतलब है कि डेंगू के वायरस से मस्तिष्क से संबंधी परेशानियों जैसे कि एन्सेफलाइटिस, मेनिन्जाइटिस, स्ट्रोक का सामना करना पड़ सकता है. ये घातक साबित हो सकते हैं.
डेंगू बुखार 4 वायरस के कारण होता है- DENV 1, DENV 2, DENV 3 और DENV 4. ये सारे एक दूसरे से जुडे हैं, लेकिन ये सारे बिल्कुल एक जैसे नहीं हैं. इसलिए सारे वायरस का असर भी अलग-अलग दिखता है.
डेंगू का ब्रेन पर असर :
पहले यह माना जाता था कि डेंगू वायरस सीधे मस्तिष्क पर आक्रमण नहीं करता है. हाल के शोध से पता चला है कि इसका असर मस्तिष्क पर सीधा होता है. हाल के साल में ऐसे मामले बढे हैं, जिसमें न्यूरोलॉजिकल परेशानियां देखी गईं. 3 महीने के बच्चे से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक पर डेंगू का प्रभाव देखा जा सकता है.