Joint Pain Relief: कोल्ड vs हीट ट्रीटमेंट, जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए क्या है बेहतर?
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Joint Pain Relief: कोल्ड vs हीट ट्रीटमेंट, जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए क्या है बेहतर?

कोल्ड और हीट ट्रीटमेंट दो बिल्कुल अलग इलाज करने का तरीका है. इसलिए कोई भ्रमित हो सकता है और सोच में पड़ सकता है कि कौन सा उपचार सही रहेगा.

प्रतिकात्मक तस्वीर

Joint pain relief: घर में बच्चे हों या बड़े जोड़ों में दर्द, मसल्स में खिंचाव या शरीर में अकड़न आम बात हो सकती है. लेकिन क्या आपने देखा है कि ऐसे मामलों में के लिए डॉक्टर दो तरह के इलाज की सलाह देते हैं. कुछ सुझाव दे सकते हैं कि आपको गर्म पानी की बोतलों या गर्म कम्प्रेस का उपयोग करके इसका इलाज कर सकते हैं, जबकि कुछ आपको आइस पैक का उपयोग करने का सुझाव देंगे. खैर, ये दो बिल्कुल अलग इलाज करने का तरीका है. इसलिए कोई भ्रमित हो सकता है और सोच में पड़ सकता है कि कौन सा उपचार सही रहेगा. यहां आज यह जानेंगे की कोल्ड और हीट ट्रीटमेंट कैसे काम करते हैं और जोड़ों के दर्द से कौन राहत दिलाने के लिए सबसे अच्छा है.

हीट ट्रीटमेंट
सूजन वाले पार्ट को हीट करने से ब्लड वेसेल्स चौड़ी हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो अच्छा होता है. इससे तनावग्रस्त और दर्द करने वाली मसल्स को आराम मिलता है. ज्यादातर मामलों में (जो कि समस्या के प्रकार पर निर्भर करता है) कोल्ड थेरेपी से हीट थेरेपी बेहतर होती है. जैसे- गठिया के दर्दनाक और लगातार मांसपेशियों में दर्द के इलाज के लिए आइस पैक की तुलना में गर्म सिकाई बेहतर है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी ताजा चोट या खुले घाव पर गर्म पानी नहीं लगाना चाहिए. हीट ट्रीटमेंट इनके लिए उपयोगी है-

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • किसी गतिविधि या एक्सरसाइज से पहले कड़ी मसल्स को गर्म करना
  • मरोड़ और मोच
  • गर्दन या पीठ की बेचैनी या ऐंठन को कम करना, विशेष रूप से पीठ के निचले हिस्से में.

कोल्ड ट्रीटमेंट
कोल्ड थेरेपी या आइस पैक से चोट वाली जगह पर ब्लड का फ्लो कम हो जाता है. इससे सूजन और टिश्यू डैमेज होने की संभावना कम हो जाती है. इसके अतिरिक्त, कोल्ड ट्रीटमेंट सूजन वाले टिशू को सुन्न करने के लिए एक टॉपिकल एनेस्थेटिक के रूप में काम करता है और दर्द के संकेतों को ब्रेन में भेजने से रोकता है. बर्फ के इस्तेमाल से सूजन और दर्द वाले जोड़ या मसल्स को फायदा हो सकता है. चोट लगने के 48 घंटों के अंदर यह सबसे अच्छा काम करता है. कोल्ड ट्रीटमेंट या आइस पैक पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, हाल ही में चोट या तनाव के मामलों में मदद कर सकता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को बर्फ की मालिश या 10 मिनट के लिए ठंडे पैड का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.

कोल्ड vs हीट कम्प्रेस?
जैसा कि हम समझ चुके हैं कि दोनों उपचार दर्द को कम करने में कैसे काम करते हैं, हम यह कह सकते हैं कि कुछ प्रकार की चोटों के लिए हीट ट्रीटमेंट सबसे अच्छा होता है, लेकिन कुछ के लिए आइस पैक अच्छा है. यह नहीं कहा जा सकता कि दोनों में से कौन बेहतर है. गर्म पानी या आइस पैक लगाना है, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति किस प्रकार की चोट और दर्द से पीड़ित है.

हीट एक घायल पार्ट में ब्लड के फ्लो को बढ़ाकर उपचार की सुविधा प्रदान करती है, जो मसल्स की ऐंठन को भी कम करती है. हालांकि कोल्ड पैक से ब्लड फ्लो कम होता है, जिससे सूजन कम हो जाती है और दर्द सुन्न हो जाता है. तो कुल मिलाकर एक आइस पैक सूजन के दर्द के लिए बेहतर है, लेकिन जोड़ों की परेशानी के लिए हीट कम्प्रेस को चुनें, जो सूजन के कारण नहीं है जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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