Cancer: लाइलाज नहीं है कैंसर, वक्त रहते डिटेक्ट हो जाए तो बचाई जा सकती है हजारों लोगों की जान
Advertisement
trendingNow12035152

Cancer: लाइलाज नहीं है कैंसर, वक्त रहते डिटेक्ट हो जाए तो बचाई जा सकती है हजारों लोगों की जान

Causes of Cancer: कैंसर को जानलेवा माना जाता है और इसमें काफी सच्चाई भी है. लेकिन यह भी सच्चाई है कि कैंसर जानलेवा नहीं है. अगर वक्त रहते उसे डिटेक्ट कर लिया जाए तो हजारों लोगों की जान बचाई भी जा सकती है.

Cancer: लाइलाज नहीं है कैंसर, वक्त रहते डिटेक्ट हो जाए तो बचाई जा सकती है हजारों लोगों की जान

Prevention of Cancer: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम ही डराने के लिए काफी है. दुनियाभर में मौतों के लिए दूसरा सबसे प्रमुख कारण कैंसर है. डब्ल्यूएचओ के मुताबित भारत में हर साल 16 मिलियन यानी 1 करोड़ 60 लाख कैंसर से जुड़े मामले रिपोर्ट किए जाते हैं. इनमें 6 तरह के कैंसर ज्यादा होते हैं, जिसमें फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल है.

अपने एक्स हैंडल के जरिए हेल्थ के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने लिए मशहूर डॉक्टर विकास कुमार ने अब कैंसर से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं, जिन्हें जानकर इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है. डॉक्टर विकास कुमार रांची के के रिम्स अस्पताल में न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन हैं. वे आईएमए रांची के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं. आइए जानते हैं कि कैंसर क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है. 

कैंसर क्या है?

हमारे शरीर में कोशिकाओं/cellsका लगातार विभाजन होना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिस पर शरीर का पूरा नियंत्रण रहता है. लेकिन जब किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण नहीं रहता है तो वे असामान्य रूप से बढ़ने लगती है और ट्यूमर का रूप ले लेती है, इसे कैंसर कहा जाता है. 

आमतौर पर, कैंसर में होने वाले ट्यूमर दो तरह के होते हैं. इनमें पहला बिनाइन ट्यूमर और दूसरा मैलिग्नैंट ट्यूमर. मैलिग्नैंट ट्यूमर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है जबकि बिनाइन नहीं फैलता है.

कैंसर के कारण क्या है?

कैंसर होने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण होते हैं. पहला कुछ पदार्थ जिन्हें कोर्सिनोजन/जोखिम कारक(रिस्क फैक्टर )कहा जाता है. 
दूसरा खराब अनुवांशिक जीन यानी DNA. 

कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाले कारकों की बात की जाए तो वे इस प्रकार हैं:-   

तंबाकू खाना या सिगरेट पीना - तंबाकू या उससे बने उत्पाद जैसे सिगरेट, गुटखा या चुईंगम आदि का लंबे समय तक सेवन फेंफड़े या मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है.

अल्कोहोल - लंबे समय से शराब पीना लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है. साथ ही शरीर के अन्य कई हिस्सों में कैंसर के खतरे को बढ़ावा देता है.

वायरस - वायरस जो कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं, उनमें हेपेटाइटिस बी और सी होते हैं. वे 50 प्रतिशत तक लिवर कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं. साथ ही ह्यूमन पैपिलोमा वायरस 99.9 प्रतिशत मामलों में सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं. 

अनहेल्दी फूड्स - अनहेल्दी फूड्स या रिफाइंड खाद्य पदार्थ, जिनमें फाइबर की मात्रा कम होती है, वो कोलन कैंसर की संभावना को बढ़ाते हैं.

एक्सरे/CT scan - बार-बार सीटी स्कैन या एक्सरे करवाने के कारण भी रेडिएसन के संपर्क में आने से कैंसर होने के खतरे को बढ़ावा मिलता है.

खराब अनुवांशिक जीन (DNA) - कैंसर के लिए जीन भी एक प्रमुख कारण है. यदि परिवार में किसी को कैंसर का इतिहास है, तो इस बीमारी के होने की संभावना ज्यादा होती है. इसे हम दी गई 2 हिट थ्योरी से समझ सकते हैं.

सबसे पहले आप समझ लीजिए कि  हमारी कोशिका में किसी काम के लिए दो अनुवांशिक जीन होते हैं, जिसमें से एक अनुवांशिक जीन मां से और दूसरा अनुवांशिक जीन पिता से आता है. नॉर्मल मां-बाप होने पर बच्चा भी बिल्कुल नॉर्मल होता और कैंसर होने के लिए दोनों अनुवांशिक जीन का खराब होना जरूरी है. 

परंतु अगर मां-बाप हो में से किसी एक का अनुवांशिक जीन खराब हो तो बच्चे में एक खराब अनुवांशिक जीन और एक अच्छा अनुवांशिक जीन जाने की उम्मीद रहती है. ऐसे बच्चों में मात्र एक अच्छा जीन खराब होने से कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है. 

गौर करने वाली है बात है कि दोनों केस में जोखिम कारक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हालांकि यह थ्योरी सभी कैंसर के लिए लागू नहीं होती है. बहुत सारे केस में कैंसर वाले अभिभावक के बच्चे बिल्कुल नॉर्मल भी होते हैं. I

कैंसर के स्टेज कितने होते हैं? 

इन्हें गंभीरता के आधार पर चार स्टेज में बांटा गया है. जो निम्नलिखित है:- 

स्टेज 0 - इस स्टेज में आपको कैंसर नहीं होता है. लेकिन शरीर में कुछ असाधारण कोशिकाएं मौजूद हो सकती है, जो कभी कैंसर की संभावना को बढ़ा सकती है. 

स्टेज 1 - प्रथम स्टेज में कैंसर का ट्यूमर छोटा होता है. इसमें कैंसर की कोशिकाएं सिर्फ एक क्षेत्र में फैली होती है. 

स्टेज 2 और 3 - दूसरे और तीसरे स्टेज में, आपके शरीर के ट्यूमर का आकार बड़ा हो जाता है और कैंसर की कोशिकाएं अपने पास के स्थित अंगों और लिम्फ नोड्स में फैलती जाती हैं. 

स्टेज 4 - चौथे चरण में कैंसर अपने आखिरी स्टेज में होता है. इसे मेटास्टेटिक कैंसर भी कहा जाता है. यह स्टेज जानलेवा साबित हो सकता है. इसमें कैंसर दूसरे अंगो तक फैल चुका होता है.

कैंसर का इलाज क्या है? 

कैंसर का इलाज उसके प्रकार, स्टेज और स्थान के आधार पर किया जाता है. यह डॉक्टर तय करते हैं कि आपके कैंसर के लिए कौन सा उपचार सही है. सामान्य तौर पर कैंसर का इलाज सर्जरी, नॉन-सर्जरी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, कीमोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट इत्यादि द्वारा किया जाता है.

कैंसर से कैसे बचें? 

अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर के, हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर और जोखिम कारको को कम कर के कैंसर से बचा जा सकता है: - 

शराब के सेवन से बचें 

धूम्रपान से बचें 

फाइबर युक्त आहार का सेवन करें 

ज्यादा फैट(वसा) लेने से बचें 

नियमित रूप से सारे वैक्सीन लें 

तनाव से बचें 

बीएमआई चेक कराते रहें 

हेल्दी जीवनशैली को अपनाए

पानी भरपूर मात्रा में ले ताकि आपका बॉडी डिटॉक्स हो सके , 

ध्यान रहे कि आपको पानी उतना ही पीना है, जिससे आपकी यूरिन वाइट/ पानी कलर की रहे और वह पीली न हो. 

हमारे घर में बहुत सारे पदार्थ हैं जो कैंसर को रोकते हैं जैसे हल्दी ,नींबू ,अमला ,तुलसी इन्हें अपने खाने में शामिल करें. 

Disclaimer: यह पोस्ट केवल लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कैंसर समेत भी प्रकार की बीमारी के लिए किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें और उसके हिसाब से ही अपना इलाज करवाएं. 

(डॉक्टर विकास कुमार की पोस्ट से साभार)

Trending news