बादाम (Almonds) खाना प्राचीन काल से ही ताकत बढ़ाने का एक बढ़िया तरीका माना जाता है. हालांकि लोगों में इस बात पर भ्रम भी है कि इसे छिलके समेत खाना चाहिए या बिना छिलके के.
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नई दिल्ली: बादाम (Almonds) खाना प्राचीन काल से ही ताकत बढ़ाने का एक बढ़िया तरीका माना जाता है. कई लोग बादाम को यूं हीं चबाकर खा लेते हैं. जबकि काफी लोग उसे पीसकर दूध में मिलाकर खाते हैं.
अगर हम बादाम के फायदों (Benefits of Eating Almonds) की बात करें तो वह एक नहीं बल्कि अनेक हैं. इसे खाने से न केवल शरीर को ताकत मिलती है बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव होता है. बादाम खाने से हमारे खून में एंटीऑक्सीडेंट्स लेवल बढ़ता है और ब्लड प्रेशर कम करता है. टाइप 2 डायबिटीज के वे रोगी, जो नियमित रूप से बादाम का सेवन करते हैं. उनका मैग्नीशियम ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक मूंगफली, अखरोट और बादाम (Almonds) खाने वाले लोगों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा दूसरे लोगों की तुलना में कम रहता है. वजन कम करने, हड्डी को मजबूत और दिल की बीमारियों का जोखिम कम करने में बादाम को फायदेमंद माना गया है. सही मायने में कहा जाए तो बादाम पौष्टिकता से भरपूर और फाइबर, प्रोटीन्स, विटामिन ई, मैग्नीशियम, कॉपर, फॉस्फोरस का शानदार स्रोत है. जिन्हें नियमित रूप से खाया जाए तो बहुत सारे फायदे हैं.
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कई सारे लोग इस बात को लेकर भ्रम में रहते हैं कि हमें बादाम (Almonds) के कड़वेपन को खत्म करने के लिए छिलका उतारकर खाना चाहिए या फिर उसे भिगोने के बाद छिलके समेत खा लेना चाहिए. एक्सपर्टों के मुताबिक अगर पाचन के लिहाज से देखा जाए तो भिगोने के बाद खाया गया बादाम बेहतर माना जाता है. इसकी वजह ये है भीगी हुई चीज को चबाने और पचाने में शरीर को आसानी होती है. साथ ही उसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर के फायदे बढ़ जाते हैं. वहीं सूखे बादाम को खाने के बाद उसे पचाने के लिए शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. जिसकी वजह से उसे उतना फायदा नहीं मिल पाता. जितना मिलना चाहिए.
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