Artificial Sweeteners: कृत्रिम मिठास यानि 'Artificial Sweeteners शब्द सुनते ही मन में बड़े बड़े स्वादिष्ट डिजर्ट, टेस्टी सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट के ख्याल उमड़ आते हैं, क्योंकि ये सब ही चीजें कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये मिठास जो हमें इतना स्वादिष्ट लगती है, वो हमारे शरीर के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है?
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Artificial Sweeteners: लोग आज कल अपनी सेहत को लेकर काफी गंभीर रहते है. खान-पान का भी काफी ध्यान रखते है की कहीं कोई तरह की बीमारी से न सामना करना पड़े, जिसके कारण लोग अपने आपको फिट रखने के लिए तरह-तरह के उपाए करते है. जिसमे कृत्रिम मिठास यानि 'Artificial Sweeteners भी शामिल है, ये शब्द सुनते ही मन में बड़े बड़े स्वादिष्ट डिजर्ट, टेस्टी सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट के ख्याल उमड़ आते हैं, क्योंकि ये सब ही चीजें कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये मिठास जो हमें इतना स्वादिष्ट लगती है, वो हमारे शरीर के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है?
अगर आपने इसके बारे में नहीं सोचा है, तो आइए मैं आपको इस भ्राम की दुनिया से वास्तविकता की ओर ले चलता हूं.
1. कैंसर का खतरा: कृत्रिम मिठास जैसे कि सैकरिन और अस्पार्टाम जैसे पदार्थों का अध्ययन किया गया है और उन्हें कैंसर के विकास में सहायक माना जाता है। विशेषकर, उनका अधिक मात्रा में सेवन कैंसर की जोखिम को बढ़ा सकता है
2. मधुमेह का खतरा: यह आश्चर्य की बात है कि कृत्रिम मिठास मधुमेह की जोखिम को बढ़ा सकती है। हालांकि यह मीठा होता है, लेकिन इसे पचाने वाले इंसुलिन को बाधित करने की क्षमता होती है.
3. हृदय रोग: कृत्रिम मिठास युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन हृदय रोग की संभावना को बढ़ा सकता है.
4. पाचन तंत्र पर प्रभाव: कृत्रिम मिठास का सेवन आपके अंतःस्त्रोत की माइक्रोबायोम को बदल सकता है, जिसके परिणामस्वरूप आपके पाचन को बाधित कर सकता है.
5. वजन वृद्धि: जी हां, आपने सही सुना. आपकी पसंदीदा डायट सोडा आपके वजन को बढ़ा सकती है.इसके पीछे का कारण यह है कि कृत्रिम मिठास शरीर को भ्रमित करती है और शरीर को ज्यादा खाने के लिए प्रेरित करती है.
इसलिए, हमारी सलाह है कि अगली बार से जब भी आप किसी मिठाई या ड्रिंक के लिए कृत्रिम मिठास का विकल्प ढूंढ़ें, तो इसके दीर्घकालिक प्रभावों को ध्यान में रखें। याद रखें, स्वास्थ्य ही सच्ची संपत्ति है, और आपको इसे सही तरीके से संभालना चाहिए.
आइए, गहराई से जानते हैं कि कृत्रिम मिठास हमारे शरीर पर कैसे प्रभावित करती हैं:
1. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: यदि आपने ध्यान दिया हो, तो आपने देखा होगा कि कृत्रिम मिठास वाले पदार्थ खाने के बाद आपको अधिक भूख लगती है. इसका प्रमुख कारण यह है कि इन मिठासियों का सेवन आपके मस्तिष्क के रिवार्ड सेंटर को बाधित करता है, जिससे आपकी भूख और बढ़ जाती है। इसके अलावा, यह आपके मनोवृत्ति पर भी प्रभाव डाल सकता है, जिससे आपको उदासीनता, थकान और चिंता का सामना करना पड़ सकता है।
2. हड्डियों की कमजोरी: कृत्रिम मिठास वाले पदार्थ खाने से कैल्शियम की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों की कमजोरी और अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, यदि आपको अपनी हड्डियों की चिंता है, तो कृत्रिम मिठास का सेवन कम करना बेहतर होगा।
3. स्वास्थ्य जोखिम: कृत्रिम मिठास वाले उत्पादों का अधिक सेवन करने से हमारे शरीर की प्राकृतिक विकास प्रक्रिया को बाधित करने के अलावा, यह हमारी जीनों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों के जोखिम में वृद्धि हो सकती है।
4. श्वसन रोग : कृत्रिम मिठास वाले पदार्थ खाने से श्वसनीय रोगों के जोखिम में भी वृद्धि हो सकती है. इसका कारण यह हो सकता है कि कृत्रिम मिठास संवेदनशील श्वसन तंत्र को बाधित करती है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
अतः, स्वास्थ्य को पहले रखते हुए, हमें कृत्रिम मिठास का सेवन करना चाहिए। आपकी सेहत के लिए सही चुनाव करने में कोई संदेह नहीं होना चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य ही हमारी सबसे कीमती संपत्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)