कौन होते हैं District Collector? जानें सैलरी, सुविधाएं और जिम्मेदारियां
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कौन होते हैं District Collector? जानें सैलरी, सुविधाएं और जिम्मेदारियां

District Collector: यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों का उनकी योग्यता और वरीयता के आधार पर किसी विशेष सर्विस के लिए चयन किया जाता है. सर्विस के लिए चयन होने के कुछ सालों बाद उन्हें उनके अनुभव के अनुसार ही डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का पद सौंपा जाता हैं. हालांकि, भविष्य में उन्हें उनकी काबीलियत के मुताबिक कैबिनेट सचिव के पद की भी जिम्मेदारी दी जाता है.

कौन होते हैं District Collector? जानें सैलरी, सुविधाएं और जिम्मेदारियां

District Collector: भारत में सरकारी नौकरी की बात करें तो सबसे प्रतिष्ठित नौकरी एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) की मानी गई है. इसलिए यूपीएससी की परीक्षा पास करने पर भी सबसे पहला स्थान एक आईएएस ऑफिसर को ही दिया जाता है.  हालांकि, एक आईएएस ऑफिसर बनना इतना आसान नहीं होता. उसके लिए यूपीएससी (UPSC) जैसी कठिन परीक्षा पास करनी होती है. इसके अलावा एक आईएएस ऑफिसर को उसके करियर में उसके अनुभव के आधार पर प्रमोट भी किया जाता है. हाल ही में 2016 बैच की आईएएस ऑफिसर टीना डाबी (IAS Officer Tina Dabi) को प्रमोशन देते हुए डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (District Collector) का पदभार सौंपा गया है. 

बता दें कि यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों का उनकी योग्यता और वरीयता के आधार पर किसी विशेष सर्विस के लिए चयन किया जाता है. सर्विस के लिए चयन होने के कुछ सालों बाद उन्हें उनके अनुभव के अनुसार ही डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का पद सौंपा जाता हैं. हालांकि, भविष्य में उन्हें उनकी काबीलियत के मुताबिक कैबिनेट सचिव के पद की भी जिम्मेदारी दी जाता है. आइये अब हम आपको बताते हैं कि एक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कौन होता है और उनकी जिम्मेदारियां (District Collector Responsibilities) क्या होती है. इसके अलावा उन्हें कितनी सैलरी व सुविधाएं (District Collector Salary and Facilities) दी जाती है.  

कौन होते हैं डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर?
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर जिला स्तर पर राजस्व प्रबंधन से जुड़ा सबसे बड़ा पद होता है. जिला कलेक्टर का काम जिले को अच्छी तरह से मैनेज करना होता है. यही कारण है कि कलेक्टर को किसी भी राज्य के पूरे एक जिले की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. बता दें कि एक कलेक्टर बनने के लिए UPSC परीक्षा क्वॉलिफाई करनी अनिवार्य होती है.

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डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर की जिम्मेदारियां
1. रेवेन्यू कोर्ट
2. राहत एवं पुनर्वास कार्य
3. जिला बैंकर समन्वय समिति की अध्यक्षता
4. जिला योजना केंद्र की अध्यक्षता
5. भूमि अधिग्रहण का मध्यस्थ और भू राजस्व का संग्रह
6. लैंड रिकॉर्ड से जुड़ी व्यवस्था
7. कृषि ऋण का वितरण
8. एक्साइज ड्यूटी कनेक्शन, सिंचाई, इनकम टैक्स बकाया व एरियर

डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को कितनी मिलती है सैलरी
सरकार द्वारा 7वें वेतन आयोग के मुताबिक, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को प्रति माह करीब 80 हजार रुपए तक सैलरी दी जाती है. हालांकि कैबिनेट सचिव के पद तक पहुंचते-पहुंचते उनकी सैलरी 2,50,000 रुपए तक पहुंच जाती है.

डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाएं
1. कलेक्टर के तौर पर प्रोन्नत IAS अधिकारी को रहने के लिए सरकारी बंगला आवंटित किया जाता है.
2. सरकार की तरफ से शासकीय वाहन दिया जाता है.
3. घर में काम-काज के लिए नौकर, कार और ड्राइवर भी दिए जाते हैं.
4. इसके अलावा बंगले पर माली, चपरासी, कुक एवं अन्य कार्यों के लिए सहायकों की सुविधा भी मिलती है.

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