Vikramaditya Singh Profile: हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या विधायकों की बगावत के पीछे वही हैं. क्या असली पिक्चर अभी बाकी है? कांग्रेस नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश कर ही रही थी कि इस्तीफे ने हलचल तेज कर दी है.
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Why Vikramaditya Singh Resigned: कुछ दिन पहले जब कांग्रेस ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से यह कहते हुए दूरी बना ली थी कि यह भाजपा-आरएसस का इवेंट है तो हिमाचल की कांग्रेस सरकार का एक नौजवान मंत्री अयोध्या पहुंचा था. तब उनकी काफी चर्चा हुई थी. रौबदार मूंछें और चमकते चेहरे वाले वो मिनिस्टर विक्रमादित्य सिंह थे. आज उन्होंने ही अचानक मंत्री पद से इस्तीफा देकर हिमाचल की राजनीति में ट्विस्ट ला दिया है. यह सब ऐसे समय में हुआ जब पार्टी के छह विधायक नाराज होकर भाजपा के खेमे में जा चुके हैं. उनकी क्रॉस वोटिंग के कारण कल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी हार गए.
क्या बगावत के खेल के पीछे विक्रमादित्य?
आज सबकी नजरें हिमाचल विधानसभा में बजट सत्र पर लगी थीं. भाजपा ने मांग की है कि बजट को पारित करने के लिए ध्वनि मत नहीं बल्कि वोटिंग हो, इससे पहले विक्रमादित्य अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलकर आ गए. उन्होंने कहा कि विधायकों के साथ कहीं न कहीं अनदेखी हुई है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है जिसके कारण हम आज इस कगार पर खड़े हैं.
मैं प्रेशर में आने वाला नहीं: विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है. मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि मौजूदा समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है. मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं. यह कहते हुए वह भावुक हो गए कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई. सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी. मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला.
ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि पहले कांग्रेस पार्टी की लाइन से अलग जाकर अयोध्या गए और अब अपनी ही सरकार से नाराज होकर इस्तीफा देने वाले यह तेजतर्रार मंत्री कौन हैं.
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह
- 17 अक्टूबर 1989 को जन्मे विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की चीफ हैं.
- दो साल पहले जब हिमाचल में चुनाव हुए थे तो कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी. सीएम की रेस में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह का नाम भी था. हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम पोस्ट दे दी. इसके बाद से वह नाराज बताई जा रही थीं. कुछ लोग मां को न सही, बेटे विक्रमादित्य को ही सीएम बनाने की मांग कर रहे थे.
- विक्रमादित्य के पिता दिवंगत वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी थे. वह कई बार प्रदेश के सीएम रहे. लोग वीरभद्र सिंह को प्यार से 'राजा साहेब' कहते थे. विक्रमादित्य अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
- उन्होंने 2016 में दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हिस्ट्री में एमए किया है.
- विक्रमादित्य 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.
- पहली बार दिसंबर 2017 में राज्य की विधानसभा के लिए चुने गए. 2018-22 तक वह एक महत्वपूर्ण समिति के सदस्य रहे.
- दिसंबर 2022 में फिर से जीते और युवा एवं खेल मंत्रालय की भी अहम जिम्मेदारी दी गई. वह शिमला ग्रामीण सीट से जीते हैं.
- वह हिमाचल प्रदेश राइफल एसोसिएशन और नेशनल राइफल एसोसिएशन के भी सदस्य हैं. राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में विक्रमादित्य सिंह राइफल शूटिंग में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
क्या भाजपा में जाएंगे विक्रमादित्य सिंह?
उनके मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि क्या विक्रमादित्य सिंह भाजपा में जा सकते हैं? हालांकि आज मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जो वास्तविक परिस्थितियां हैं उसके बारे में मैंने पार्टी हाईकमान को अवगत कराया है. अब गेंद उनके पाले में है, अब उन्हें फैसला लेना है कि उनका कदम क्या होगा. आने वाले समय में जो भी होगा वह पार्टी हाईकमान के साथ विचार-विमर्श करके किया जाएगा. मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह संगठन, पार्टी और इस राज्य के लोगों के व्यापक हित में लिया जाएगा.
#WATCH हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "...जो वास्तविक परिस्थितियां है उसके बारे में मैंने पार्टी हाईकमान को अवगत कराया है। अब गेंद उनके पाले में है, अब उन्हें फैसला लेना है कि उनका कदम क्या होगा। आने वाले समय में जो भी होगा वह पार्टी हाईकमान के साथ… pic.twitter.com/oey6GRF5bm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2024