Uttarakhand Tunnel Accident: ‘भाई मां को मत बताना मैं यहां फंसा हुआ हूं’- उत्तरकाशी सुरंग में फंसे शख्स की चिंता
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Uttarakhand Tunnel Accident: ‘भाई मां को मत बताना मैं यहां फंसा हुआ हूं’- उत्तरकाशी सुरंग में फंसे शख्स की चिंता

Uttarakhand Tunnel Acciden News: सुंरग में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है. बचाव अभियान में लगे लोग सुरंग के अंदर फंसे लोगों से लगातार संवाद कर रहे हैं ताकि उनका मनोबल बढ़ाया जा सके.

Uttarakhand Tunnel Accident: ‘भाई मां को मत बताना मैं यहां फंसा हुआ हूं’- उत्तरकाशी सुरंग में फंसे शख्स की चिंता

Uttarkashi Tunnel Accident: पुष्कर को जब अपने भाई विक्रम सिंह से बात करने का मौका मिला तो पहली बात उसने कही, वह थी ‘भाई, मां को यह मत बताना कि मैं मैं यहां फंसे लोगों में से एक हूं.’  पुष्कर उन लोगों में शामिल हैं, जो रविवार को उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से अंदर फंसे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सूखे फल और दवा की आपूर्ति के लिए मलबे में ड्रिल किए गए पाइप जरिए पुष्कर ने अपने भाई से बात की. 25 वर्षीय पुष्कर ने विक्रम सिंह से कहा, ‘मैं ठीक हूं. यहां अन्य लोग भी हैं...अगर तुम उन्हें सच बताओगे तो हमारी मां चिंतित हो जाएंगी.’ बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ऑल वेदर रोड पर टूटी निर्माणाधीन टनल के अंदर 6 दिनों से 40 मजदूर फंसे हुए हैं. 150 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद उन्हें अब तक निकाला नहीं जा सका है.

हमारे पास बात करने के लिए कुछ सेकेंड थे

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चंपावत जिले के छानी गोठ गांव निवासी विक्रम अपने भाई से बात करने के बाद रो पड़े. उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार को मुझे थोड़ी देर के लिए उससे बात करने का मौका मिला. उसे इस बात की चिंता है कि कहीं हमारी मां परेशान न हो जाएं.’ विक्रम ने कहा, ‘हमारे पास बात करने के लिए केवल कुछ सेकंड थे, इसलिए मैंने तुरंत उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा और उन्हें बाहर चल रहे बचाव अभियान के बारे में बताया...छोटा होने के कारण, वह मां को अधिक प्रिय हैं.’

हादसे के बारे जानते ही उत्तकाशी चले आए विक्रम

रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम उत्तराखंड रोडवेज में सहायक के रूप में काम करते हैं. उन्हें इस इस घटना के बारे में खबर पढ़ने के बाद पता चला. वह तुरंत अपने बुजुर्ग माता-पिता को दुर्घटना के बारे में कुछ भी बताए बिना उत्तरकाशी के लिए रवाना हो गए. लेकिन कुछ पड़ोसियों ने घर पर माता-पिता को हादसे के बारे में बता दिया. विक्रम के मुताबिक हादसे के बारे में जानकर माता-पिता गहरे सदमे में हैं.

उन सभी का एक ही सवाल है

सुंरग में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है. बचाव अभियान में लगे लोग सुरंग के अंदर फंसे लोगों से लगातार संवाद कर रहे हैं ताकि उनका मनोबल बढ़ाया जा सके. सुरंग में वेल्डिंग के काम में लगे मोहम्मद रिजवान ने कहा, ‘हम संदेश भेजते रहते हैं, उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछते रहते हैं. लेकिन उन सभी का एक ही सवाल है: 'आप हमें कब बाहर निकालोगे?'

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