उत्तरकाशी बाड़ाहाट क्षेत्र के अंतर्गत संग्राली, पाटा और बग्याल गांव में माता को विदा करने की परंपरा 34 वर्ष बाद एक बार फिर शुरु की गई. क्षेत्र के आराध्य देव कंडार देवता की देवडोली के सानिध्य में माता की एक छोटी सी डोली बनाई जाती है. जिसे विशेष पूजा अर्चना के बाद तीनों गांव के बाहर छोड़ दिया जाता है. जिससे कि गांव में कम से कम दस वर्ष तक मनुष्यों और मवेशियों पर किसी महामारी का प्रकोप नहीं होता है.