Joshimath Calamity : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttrakhand CM Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार रात को उच्चस्तरीय बैठक की. उन्होंने जोशीमठ से पलायन कर रहे परिवारों को अस्थायी शरण या हर महीने किराया देने की घोषणा की है.
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Joshimath Land Sinking Calamity : उत्तराखंड के चमोली जिले का जोशीमठ के मकानों में दरारें पड़ने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने खुद कमान संभाल ली है. उन्होंने शुक्रवार शाम को अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. इसमें मकानों में दरारें पड़ने से घर छोड़कर भागे लोगों को तत्काल ठहरने के इंतजाम या छह महीने तक किराया मुहैया कराने का निर्णय़ किया.
प्रभावित परिवारों के भवन, होटल और अन्य आश्रय स्थलों के तत्काल तकनीकी आकलन के लिए पीआईयू डिवीजन लोक निर्माण विभाग बद्रीनाथ धाम के समस्त तकनीकी कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है.ये समिति बद्रीनाथ मास्टर प्लान में तकनीकी आकलन का कार्य देख रही है.इसे अग्रिम आदेशों तक इस काम की जिम्मेदारी दी गई है. जोशीमठ आपदा से बेघर हुए परिवारों के लिए किराये के मकान के लिए 4000 रुपये हर एक परिवार को सहायता राशि दी जाएगी.
सीएम पुष्कर धामी ने अधिकारियों को जोशीमठ में ही कैंप करने का निर्देश दिया है. साथ ही स्थानीय जनता में पनप रहे भय के माहौल को दूर करने का जिम्मा उठाते हुए सीएम ने कहा है सरकार लोगों के साथ खड़ी है. हरसंभव मदद जनता तक पहुंचाई जाएगी. प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द शिफ्ट करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है. अगले 2 दिनों तक जोशीमठ में प्रभावित लोगों को शिफ्ट करने का काम तेजी से होगा.
सीएम ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए. जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए. तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट करें. प्रभावित परिवारों और प्रभावित इलाकों में आने वाले घरों में रहने वाले लोगों को सबसे पहले सुरक्षित स्थान मुहैया कराया जाएगा. राहत एवं बचाव का कार्य पूरी निगरानी में किया जाएगा. दीर्घकालिक और तात्कालिक स्थिति में लोगों के लिए कैसे राहत पहुंचाई जाए, इस पर बैठक में चर्चा हुई. उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निकट भविष्य में पुनर्वास की क्या नीति होगी. उन पहलुओं पर विशेषज्ञों से चर्चा हुई. जान माल की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. हम अध्ययन भी कर रहे हैं कि पानी का रिसाव कहां से हो रहा है. विभिन्न संस्थानों की मदद ली जा रही है.
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