उत्तराखंड: गायों की देखभाल को लेकर मचा बवाल, जुलाई महीने में 107 गाय और पशुओं की मौत
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उत्तराखंड: गायों की देखभाल को लेकर मचा बवाल, जुलाई महीने में 107 गाय और पशुओं की मौत

स्थानीय लोगों ने जब गायों और अन्य पशुओं पर ठीक से रख रखाव नही करने और लगातार मौतों पर सवाल खडे किए तो मामला सामने आया.

उत्तराखंड: गायों की देखभाल को लेकर मचा बवाल, जुलाई महीने में 107 गाय और पशुओं की मौत

देहरादून: उत्तराखंड में गायों के संरक्षण और संवर्धन पर सवाल खडे हो गये है. विधानसभा से मात्र दो किमी की दूरी पर स्थित कांजी हाऊस में जुलाई महीने में 107 पशुओं की मौत हो चुकी है.अधिकारी अब गायों के मौत पर गोलमोल जबाव दे रहे है. स्थानीय लोगों की मानें तो कांजी हाऊस में हर दिन गायों की मौत हो रही है.

स्थानायी लोगों ने नगर निगम के कांजी हाऊस में गायों की मौत पर उठाए थे सवाल
देहरादून का कांजी हाऊस में 107 गायों की मरने के बाद हडकंप मचा है.गाय को त्रिवेन्द्र सरकार ने राष्ट्रमाता का दर्जा पिछले वर्ष दिलाया था.कांजी हाऊस में बारिश के कीचड ही कीचड है.हर दिन कांजी हाऊस में गाय की मौत हो रही है.स्थानीय लोगों ने जब गायों और अन्य पशुओं पर ठीक से रख रखाव नही करने और लगातार मौतों पर सवाल खडे किए तो मामला सामने आया.

मामला सामने आने के बाद नगर निगम के साथ ही पशुपालन विभाग में भी हडकंप मचा है.स्थानीय लोगों की मानें तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण कांजी हाऊस में रोज गाये मर रही है. 

पिछले वर्ष राज्य सरकार ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया था 
राजधानी देहरादून में एक महीने में 107 गाय और अन्य पशुओं की मौत के बाद हडकंप मच गया है.राज्य सरकार ने पिछले वर्ष विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया था.त्रिवेन्द्र सरकार भी समय समय पर गायों की बेहतर देखभाल के दावें करती रही है.हाल ही में सीएम ने बयान जारी कर कहा था कि गाय सबसे ज्यादा आक्सीजन छोडती है.

कांजी हाऊस में केवल 12 गायों की हुई है मौत-मेयर
नगर निगम अब इस डैमेज कंट्रोल में जुट गया है.नगर निगम के कांजी हाऊस में जुलाई महीने में ये आकडें दर्ज है.ये स्थिति तब है जब उत्तराखंड सरकार ने पिछले वर्ष गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया है.देहरादून के मेयर ये तो मान रहे है कि 107 गायों की मौत हुई है.

लेकिन कांजी हाऊस में केवल 12 मौत की बात कह रहे है जबकि स्थानीय लोगों की माने तो जुलाई महीने में हर दिन 4 से 8 गायें की मौत हो रही है जो केवल सिस्टम की लापरवाही से हुई है.मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि मौत का जो आकड़ा बताया जा रहा है वो पूरे शहर में आवारा पशुओं का है

कांजी हाऊस में गायों के रख रखाव और प्रबंधन की जांच के आदेश 
कांजी हाऊस में वर्तमान में 425 से ज्यादा पशु है जिनमें गाय,सांड और बछडे भी शामिल है.बारिश के कारण कांजी हाऊस में गन्दगी और कीचड जमा हुआ है.अब जबकि गाय और अन्य पशुओं की मौत का मामला खुल गया है तो मेयर सुनील उनियाल गामा सफाई देने उतर आए है.

उन्होने कहा कि कर्मचारियों और कांजी हाऊस में जगह की कमी के कारण दिक्कतें सामने आ रही है जो जल्द सेलाकुई में 84 बीघा हाईटेक कांजी हाऊस बनने के बाद खत्म हो जाएगी.मेयर की माने तो 196 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले क्षेत्र में दुर्घटनाओं में पशुओं की मौत का ये पूरा आकड़ा है.उन्होने कहा कि कांजी हाऊस में डेढ सौ गायों की क्षमता है जबकि इसमें करीब 425 पशु रह रहे है.

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