'बजरंगबली की भक्त हूं, पुरुष बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगी', गोंडा की महिला सिपाही ने बताई चौंकाने वाली कहानी
Advertisement

'बजरंगबली की भक्त हूं, पुरुष बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगी', गोंडा की महिला सिपाही ने बताई चौंकाने वाली कहानी

Gonda News: यूपी की महिला सिपाही का जेंडर बदलने की मांग का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. अब पुलिस मुख्यालय ने इस मुद्दे पर जहां एमपी पुलिस से राय मांगी है वहीं काउंसिलिंग भी कराई जा रही है.

File Photo

अतुल कुमार यादव/गोंडा : यूपी की एक महिला सिपाही पुरुष बनने के लिए लड़ाई लड़ रही है. हनुमानजी की सच्ची भक्त बताने वाली लड़की सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार है. उसने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखने के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.जी न्यूज ने उस महिला सिपाही से खास बातचीत की है और उसने लंबी चौड़ी बातचीत में पूरी बातें तफ्सील से बयां की है.

जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात एक 2020 बैच की महिला सिपाही ने डीजी ऑफिस को एक लेटर लिखकर महिला से पुरुष बनने की अनुमति मांगी है. संतोषजनक जवाब न मिलने पर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की. इस पर हाईकोर्ट ने अब सुनवाई करते हुए पूरे मामले में यूपी पुलिस से महिला सिपाहियों की काउंसलिंग कराने के साथ ही जवाब मांगा है. 18 अक्टूबर को महिला पुलिसकर्मियों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद डीजी ऑफिस ने गोंडा एसपी को पत्र लिखकर महिला सिपाही के काउंसलिंग कराने का आदेश दिया है. दरअसल मध्य प्रदेश में बीते साल एक महिला सिपाही ने पत्र लिखकर के जेंडर चेंज करवाने की मांग की थी. इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर महिला ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. यहां भी न्याय न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महिला सिपाही का जेंडर चेंज करवाने का आदेश दिया था. इसके बाद महिला सिपाही को जेंडर चेंज करवाने की अनुमति दी थी.

मध्य प्रदेश के तर्ज पर यूपी में भी महिलाओं ने जेंडर चेंज करने की मांगी अनुमति
अब मध्य प्रदेश की तर्ज पर यूपी के गोंडा में तैनात एक महिला सिपाही ने भी अपने जेंडर चेंज करवाने के लिए डीजी ऑफिस लखनऊ को एक पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी. अनुमति न मिलने पर गोंडा जिले में तैनात महिला सिपाही अपना जेंडर बदलवाने के लिए हाई कोर्ट तक पहुंच गई. और हाई कोर्ट में याचिका दायर की है हाई कोर्ट ने महिला सिपाही की याचिका पर सुनवाई करते हुए महिला सिपाही द्वारा की गई मांग और आवेदन को संवैधानिक अधिकार बताते हुए पूरे मामले में यूपी पुलिस से जवाब मांगा है और डीजीपी उत्तर प्रदेश को महिला सिपाही द्वारा दिए गए आवेदन का निस्तारित करने का भी आदेश दिया। हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस से पूरे मामले में  राय मांगते हुए मेडिकल राय जान रही है। वहीं अब महिला सिपाही द्वारा दायर की गई याचिका पर पूरे मामले में 18 अक्टूबर को लखनऊ हाई कोर्ट की बेंच में पूरे मामले में सुनवाई होनी है। 

पहचान और नाम ना उजागर करने की शर्त पर महिला सिपाही ने जी मीडिया से की बात
जी मीडिया संवाददाता से गोंडा जिले में तैनात 2020 बैच की एक महिला सिपाही ने नाम पता और पहचान ना उजागर करने की शर्त पर बात करते हुए बताया कि शुरू से ही मेरा हॉर्मोन्स चेंज होने लगा था और मुझे पुरुषों जैसी फीलिंग आ रही थी और मैं शुरू से ही अपना जेंडर बदलवाने को लेकर सोच रही थी। जब मैं पढ़ने जाती थी कक्षा 8 के बाद तो मेरी सबसे ज्यादा लड़कों से दोस्ती रहती थी लड़के कहते थे कि तुम महिला हो हम लोगों से दोस्ती ना करो तो मुझे गुस्सा आता था क्योंकि मुझे लड़कों जैसी फीलिंग आती थी महिलाओं जैसी फीलिंग नहीं बाद में पढ़ाई करने के बाद मेरी नौकरी 2020 में लग गई यूपी पुलिस में महिला सिपाही के पद जिसके बाद में महिला सिपाही की तरह न रहकर पुरुष की तरह मैं रह करके अपनी ड्यूटी करती हूं और जो भी काम मुझे महिलाओं वाला करना चाहिए वह सारा काम में पुरुष वाला करती हूं।

मुझे महिला से बनना है पुरुष इसीलिए मैं डीजी को पत्र लिखकर गई हूं हाईकोर्ट
मुझे महिला से पुरुष बना है जिसको लेकर के मैं यूपी पुलिस डीजी लखनऊ को पत्र लिखा था और अब हाई कोर्ट ने पूरे मामले में डीजीपी को हम लोगों के मामले को सुनकर उनके निस्तारण करने का आदेश दिया है हमने डीजी ऑफिस को पत्र लिखकर लिंक परिवर्तन करने के लिए अनुमति मांगी थी लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया था जिससे मैं परेशान थी और जवाब का इंतजार कर रही थी जिसके बाद मैं बीते साल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

मैं कभी नहीं पहनी महिलाओं और लड़कियों का कपड़ा नहीं यूज की कोई सामान
महिला सिपाही ने कहा कि मैं शुरू से ही लड़कों जैसा कपड़ा पहनती थी और मैं कभी महिलाओं और लड़कियों वाला कोई भी कपड़ा नहीं पहना क्योंकि मेरी बोली, मेरा चाल चलन और मैं उठना बैठना पुरुषों जैसा था। तो इसीलिए मैं महिलाओं का कोई भी समान कभी नहीं यूज करता हूं इसको लेकर के परिवार के लोग नाराज रहते थे और जब मैं महिलाओं के कपड़े की ना मांग करके पुरुषों जैसे कपड़े की मांग करती थी। तो मेरे पापा मम्मी और भैया झगड़ा करते थे जिसके बाद में पापा भैया द्वारा लाए गए कपड़ों को पहन लेती थी और उसी को मैं यूज करती थी जिसके बाद मेरे पापा और भैया को गुस्सा भी आती थी जिसके बाद मुझे डांट भी पड़ती थी। मेरे बाल भी हमेशा छोटे-छोटे ही रहते थे मैंने कभी लड़कियों और महिलाओं वाला बाल रखा ही नहीं और मेरे सबसे ज्यादा लड़के मित्र हुआ करते थे और अभी भी है मैं उन्हीं लोगों के जैसा बाल कटवाती थी।

पहली बार मैं घर वालों को बताई थी लिंग चेंज करने की बात
महिला सिपाही ने कहा कि कई सालों से अपना लिंग परिवर्तन करने को लेकर के सोच रही थी और मैं अपने कई दोस्तों से इसको लेकर के चर्चा कर रही थी कि कैसे लिंग परिवर्तन होगा और दोस्त यही कह रहे थे कि एक बार अपने परिवार से आप सलाह ले लो और उनको बता दो अगर वह अनुमति दें तो लिंक चेंज करो अन्यथा इसी तरीके से रहो।

नौकरी ज्वाइन से पहले मम्मी पापा और भैया को बताई थी बात
मैंने दोस्तों की बात मानकर नौकरी में आने से पहले अपने मम्मी पापा से यह बात बताई थी कि मैं अब लड़की से लड़का बनना चाहती हूं जिसके बाद मेरी मम्मी बहुत गुस्सा हुई और रोने लगी और मम्मी ने कहा कि अब मुझसे तुम बात मत करना तुमको मेरी बात नहीं माननी है और मुझे डांट करके भगा दिया था। उसके बाद पापा से जब मैंने कहा तो वह मुझे डांटे और कहा कि तुम जैसे हो ठीक है तुमको कुछ नहीं बना है और यह फालतू वाली बात हमसे मत करो बेटियां पापा की जान होती हैं और मैं तुमको बेटों से बढ़कर मानता हूं। 

घरवालों व भैया ने 3 दिन तक कमरे में बन्द करके नहीं दिया था खाना
महिला सिपाही ने कहा कि हमारे भैया से मेरी हमेशा नहीं बनती थी क्योंकि मैं उनके कपड़ों को चुरा करके पहन लेती थी जिससे वह गुस्सा होती थी और वह कहते थे कि तुम मेरी बहन की तरह रहो मेरे भाई बनने का प्रयास न करो लेकिन जब मैं अपने भैया से कहा कि मैं आपकी तरह बनना चाहती हूं और मुझे लड़का बना है तो उन्होंने मुझसे गुस्सा करते हुए बात नहीं की और कहा मम्मी पापा से की इनको घर से निकलने मत दीजिएगा और मुझे 3 दिन तक कमरे में बंद कर दिए थे और खाना-पीना भी नहीं दे रहे थे लेकिन मेरी मम्मी किसी तरीके से हिम्मत बांधकर चोरी छुपे मुझे खाना लाकर के देती थी लेकिन मम्मी पापा और भैया के नाराज होने के बाद भी मैं डरी नहीं और पुलिस में नौकरी पाने के बाद मैं सोच लिया कि अब मुझे महिला से पुरुष बना है जिसके बाद मैं बीते साल डीजी ऑफिस को पत्र लिखकर लिंक परिवर्तन की अनुमति मांगी थी।

अभी मैं रह रही हूं लड़के की तरह खुद को कल के लिए कर रही हूं तैयार
महिला सिपाही ने कहा कि मैं अपने शरीर के साथ कंफर्टेबल नहीं हो मुझे अपने शरीर पर गुस्सा आता है और अजीब सा लगता है जब मुझे कोई महिलाओं की कपड़ा पहनने के लिए बोलता है तो मुझे गुस्सा आता है और मैं उसे लड़ जाती हूं क्योंकि मुझे महिलाओं जैसा जब लगता ही नहीं है तो मैं उनके कपड़े क्यों पहनू बचपन में मुझे फर्क या टॉप पहनने के लिए मम्मी कहती थी तो मैं उनको मना कर दी थी जिसके बाद वह मुझे जबरदस्ती पकड़ करके पहना देती थी लेकिन बड़े होने के बाद जब मुझे समझदारी आ गई तो मैंने सारे महिलाओं वाले कपड़े हटा दिए और अब मैं हमेशा जींस शर्ट, पैंट शर्ट और कुर्ता पजामा पहनती हूं क्योंकि मुझे महिलाओं के कपड़े नहीं पसंद है।

पुलिस में आने से पहले मैं करना चाहती थी बैंक की नौकरी
महिला सिपाही ने कहा कि जब मैं पढ़ती थी तो मैं यही अपने दोस्तों से कहा करती थी कि हम भी किसी दिन बैंक में नौकरी करके लोगों की सेवा करेंगे क्योंकि जब हम बैंक में जाते थे अपना छात्रवृत्ति निकालने के लिए या कुछ कम से तो वहां देखते थे कि लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं जिसके बाद मैंने सोचा की मुझे बैंक में नौकरी करनी है लेकिन मैंने काफी प्रयास किया बैंक में नौकरी नहीं मिला अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद उसके बाद पुलिस की भर्ती निकली और मैंने सोचा कि अब पुलिस की भर्ती में देखते हैं होता है कि नहीं अपना किस्मत आजमाते हैं जिसके बाद मेरी 2020 बैच में यूपी पुलिस में महिला सिपाही के पद पर चयन हो गया और तभी से मैं मेहनत और लगन से कम करना शुरू कर दिया और आज भी मैं मेहनत और लगन से कम कर रहा हूं। 

लड़का बन जाऊंगी तभी से सही जी औऱ बिता पाऊंगी जिंदगी 
महिला सिपाही ने बताया कि जब मैं डिसाइड कर लिया कि मुझे महिला से पुरुष बना है इसको लेकर के मैंने कई लोगों से पूछा तो किसी ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है जिसके बाद मैं गूगल पर सर्च किया और देखा तो इसमें काफी खर्चा आ रहा था करने के लिए जिसके बाद मैं सोचते सोचते कुछ देर तक टेबल पर बैठी रही और मेरा दिमाग खराब हो गया जिससे मेरा सिर दर्द करने लगा जब मेरा सिर दर्द ठीक हुआ तब मैंने तय किया कि अब हम महिला से पुरुष बनेंगे और बैंक में नौकरी करके पैसा जमा करेंगे और महिला से पुरुष बनेंगे लेकिन मेरी बैंक में नौकरी नहीं लगी उसके बाद मेरी पुलिस में नौकरी लग गई और मैंने सोचा कि मैं पैसा इकट्ठा करना शुरू कर दी हो तो अब पुलिस से अनुमति मांग कर अपना लिंग परिवर्तन करने की बात शुरू कर दूँ। क्योंकि लिंग परिवर्तन करने में समय लगता है। अभी मैं जो जिंदगी की रही हूं महिलाओं वाली पुरुषों की तरह बनकर कि वह मुझे अधूरी लगती है और अजीब तरह से महसूस होता है मुझे लगता है कि जब मैं लड़का बन जाऊंगी तभी से अपनी सही जिंदगी बिता पाऊंगी अभी तो सब कुछ मुझे पहाड़ जैसा और एक अजीब सा लगता है।

लंबे संघर्ष के बाद अब मेरे घर वाले हो गए हैं नॉर्मल
महिला सिपाही ने कहा कि कई महीनों तक तो मेरे घर वालों से इस बात को लेकर के बातचीत भी नहीं हुई क्योंकि घर वाले मेरा फोन उठाना उचित नहीं समझते थे और उठाते भी थे तो गुस्से में बात करके फोन काट देते थे लेकिन मैंने काफी संघर्ष किया और हमने सोच लिया कि अब मुझे महिला से पुरुष बना है चाहे जो हो जाए अंत में मुझे घर वाले मेरे छोड़ क्यों ना दें और मुझे विश्वास था कि मेरे घर वाले मुझे छोड़ेंगे नहीं इसीलिए मैंने यह ठान लिया है और अब मुझे महिला से पुरुष बना ही है और अब लंबे संघर्ष के बाद मेरे घर वाले इस बात से नॉर्मल हो गए हैं और उन्होंने कहा है जो तुम्हारी इच्छा हो करो मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। तुम अपने सैलरी से जो करना होगा करना हमारे भरोसे मत रहना।

एक समय ऐसा था जब मैं सुसाइड नोट तक लिखकर खुद को खत्म करने की कर ली थी तैयारी
महिला सिपाही ने कहा कि एक समय ऐसा था कि मैं तंग आकर के अपने आप को खत्म करने की तैयारी कर ली थी और एक सुसाइड नोट भी लिख लिया था लेकिन मेरे दोस्तों ने मेरा साथ दिया और हौसला अफजाई किया की हिम्मत मत हारो और लड़ो तुम किसी से कम नहीं हो और तुम जो सोच रही हो वह एक न एक दिन करके दिखाओगे।  क्योंकि मेरे इस सपनों में दोस्तों ने हमारा हमेशा साथ दिया था इसीलिए मैं सुसाइड करने और अपनी जिंदगी को खत्म करने से रुक गई और मैंने सोचा कि अपने आप को खत्म करना मेरा मकसद नहीं होना चाहिए बल्कि जो मैं सोच रही हूं वह मुझे बना है यह मेरा मकसद होना चाहिए है और इसीलिए मैंने तभी से हार नहीं मानी और तभी मैं आज तक लड़ती चली आ रही हूँ।

हनुमान जी की सच्ची भक्त है पुरुष बनने की अनुमति मांगने वाली महिला
महिला सिपाही बचपन से ही हनुमान जी की भक्त है और अपने घर के पास बने एक हनुमान जी के मंदिर पर पूजा पाठ करने जाती थी बड़े होने के बाद अब वह हनुमानगढ़ी सहित बालाजी भी जाकर के दर्शन करती है और छुट्टी लेकर के भी अपने दोस्तों और महिला व पुरुष सिपाहियों के साथ भी हनुमान जी और बालाजी राजस्थान दर्शन करने जाती रहती है हनुमान जी से काफी महिला सिपाही का लगाव भी है और आए दिन हनुमान जी के गानों पर रील वीडियो बना करके अपलोड करते हुए भी नजर आती है।

पत्र भेजने के बाद लोगों को जानकारी होने पर फोन करके पूछते हैं अजीब सवाल
महिला सिपाही ने कहा कि जब मैं बीते साल गोंडा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होकर के लिंग परिवर्तन करने की अनुमति मांगी थी। तो अधिकारियों ने कहा था कि हम इस पर शासन से पत्राचार करेंगे आपको हम अनुमति नहीं दे सकते हैं मुझे ऐसा कोई विशेष अधिकार नहीं है इसके बाद हम डीजी ऑफिस लखनऊ को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी और पत्र लिखने के बाद हमारे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और अब जैसे-जैसे लोगों को मेरे नाम के बारे में जानकारी हो रही है वह लोग और हमारे विभाग में तैनात हैं वह लोग जब मिलते हैं या फोन करके अजीब तरीके का सवाल करते हैं जिसके बाद में उनका हंस करके जवाब देता हूं कि मुझे अब पुरुष बना है महिला बैंकर के मुझे नहीं रहना है क्योंकि मैं महिला होकर के भी पुरुषों जैसा रहती हूं।

लड़का बनने के बाद इस तरीके से करूंगी काम मुझे क्यों नहीं दी जा रही अनुमति
महिला सिपाही ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब दूसरे राज्यों में ऐसा हो सकता है और महिलाएं पुरुष बन सकती है तो यूपी में क्यों नहीं है और कोर्ट भी हम लोगों को संवैधानिक अधिकार दे रहा है कि आप लिंग परिवर्तन अपना कर सकती हैं और हाईकोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला भी सुनाया है कहा है कि लिंग परिवर्तन करना संविधानिक अधिकार है और आधुनिक समाज में अगर किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के लिए अधिकार से वंचित या स्वीकार नहीं करता है तो हम सिर्फ लिंग पहचान विकार सिंड्रोम को प्रोत्साहित करेंगे। मैं अपने इस डिपार्टमेंट से और वरिष्ठ लोग अधिकारियों से अपनी बात आपके माध्यम से पहुंचाना चाहती हूं कि जब दूसरे राज्यों में ऐसा हो सकता है तो यूपी में क्यों नहीं

और मैं अपनी नौकरी पूरा मन लगा करके महिला से पुरुष बनाकर करती रहूंगी मैं जैसे अब काम कर रही हो अपने काम से अभी भी मैं नहीं भागती हूं। लेकिन इसके बावजूद भी मुझे अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है और मेरे महिला से पुरुष बनने से किसी को कोई समस्या क्यों हो रही है। मैं महिला से पुरुष बनने के बाद इसी तरीके से काम करती रहूंगी जिस तरीके से मैं काम अभी करती रही हूं।

मुझे इंस्टाग्राम पर ज्यादा लोग नहीं करते पसंद क्योंकि नाम लिखा है महिला का चेहरा पुरुष का

महिला सिपाही ने बताया कि शुरू से मेरा गीत संगीत और शेरो शायरी में मन लगा रहता था और मैं कई कवि सम्मेलन और शायरी की प्रतियोगिताओं में शामिल हो चुकी हूं और कई अवार्ड भी मैं जीत चुकी हूं और मैं जब से इंस्टाग्राम की जानकारी हुई है बीते 2018 से ही मैं इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाना शुरू कर दिया हूँ कभी पुलिस के वर्दी में बनाती हूँ तो कभी पुरुषों वाले कपड़े जो पहनती हूं उसमें वीडियो बनाकर के अच्छे-अच्छे गानों पर डालती हूं। लेकिन लोगों को पसंद नहीं आता है और लोग मुझे फॉलो नहीं करते हैं अभी तक मेरे इंस्टाग्राम पर सिर्फ 492 फॉलोवर है। क्योंकि नाम मैंने महिला वाला लिख रखा है और मेरा चेहरा लोगों को पुरुष वाला लगता है शायद इसी लिए लोगों को मेरा लुक नहीं पसंद है। लेकिन उसके बाद भी मैं अपनी खुशी के लिए वीडियो बनाती हूं और पोस्ट करती हूं और आगे भी इसी तरीके से मैं अपना वीडियो बना करके पोस्ट करती रहूंगी। क्योंकि लोग मुझे देखकर के कंफ्यूज होते हैं कि नाम तो किसी महिला का है लेकिन इसका चेहरा और इसका चाल ढाल पुरुष जैसी है कहीं ना कहीं कुछ इसमें गड़बड़ है इसके बाद मुझे लोग लड़का समझ कर नापसंद करते हैं ना ही मुझे फॉलो करते हैं मेरी फॉलोअरों की संख्या बहुत कम है।

हाईकोर्ट से न्याय न मिलने पर हम जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

महिला सिपाही ने कहा कि अगर हाई कोर्ट हमारे मामले में कोई सुनवाई नहीं करता है तो हम सुप्रीम कोर्ट का रुक करेंगे और अपना लिंग परिवर्तन कराकर करके ही मानेंगे क्योंकि अब परिवार वाले भी हमारे इस फैसले से गुस्सा है और मेरी खुद से लड़ाई भी चल रही है जो मुझे हर हाल में जितना है अगर मैं नहीं जीती तो मेरे परिवार वालों को और गुस्सा होगा साथ ही मेरी बदनामी भी होगी। जब मैं महिला हो करके और महिला जैसा महसूस नहीं कर रही हूं तो मुझे इस लिंग में रहना ही नहीं है बल्कि मुझे पुरुष बना है क्योंकि अब मैं पुरुषों जैसा ही काम करती हूं। 18 अक्टूबर तक का समय है अगर उसके बाद हम लोगों के पक्ष में कोई फैसला नहीं आता है तो हम लोग दूसरा रास्ता अपनाएंगे और हम अपने पुलिस डिपार्टमेंट से यही कहेंगे कि वह हमारी बातों को और हमारे दिए गए पत्र का संज्ञान लेकर के हमारा साथ दे और हमको लिंग परिवर्तन की अनुमति दें ताकि मैं महिला से पुरुष बनाकर के अच्छे से काम कर सकूं क्योंकि मैं महिला होकर के पुरुष के जैसा रहती हूं तो मुझे दिक्कत होती है।

लिंग परिवर्तन के मामले में यूपी सरकार ठोस नीति बनाने पर कर रही विचार

दरअसल महिला सिपाही द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर दिए गए आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार लिंग परिवर्तन को लेकर के तमाम लोगों से राय ले रही है और एक ठोस नीति बनाने पर विचार कर रही है। क्योंकि हाई कोर्ट ने पुलिस मुख्यालय को नियम बनाकर पूरे मामले में निस्तारण करने का आदेश दिया है। यूपी पुलिस मुख्यालय ने मध्य प्रदेश पुलिस से इस मामले में सहायता मांगते हुए मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी है क्योंकि मध्य प्रदेश में भी इसी तरीके का मामला सामने आया था और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने अदालत के आदेशों को मानते हुए मनोचिकित्सक की सलाह पर एक महिला आरक्षी को लिंग परिवर्तन करने की अनुमति दी थी। यूपी पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस अब आपसी समन्वय बनाकर के इस मामले को सुलझाने में जुटी हुई है इसके अलावा भी उत्तर प्रदेश पुलिस और यूपी सरकार अब कानून के जानकारों और मेडिकल के जानकारों से सलाह लेने में जुटी हुई है।

Watch: 69000 शिक्षक भर्ती केस में आर-पार की लड़ाई के मूड में अभ्यर्थी, शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का आवास का किया घेराव

Trending news