UP पुलिस का यह सिपाही हजारों गरीब बच्चों को मुफ्त में देता है शिक्षा, नेक पहल के लिए DIG से मिल चुका सम्मान
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UP पुलिस का यह सिपाही हजारों गरीब बच्चों को मुफ्त में देता है शिक्षा, नेक पहल के लिए DIG से मिल चुका सम्मान

Bijnor News: बिजनौर में तैनात यूपी पुलिस कॉन्सटेबल विकास कुमार घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को शिक्षा देते हैं. बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने पाठशाला खोली हैं, जहां वह मुफ्त में शिक्षा देते हैं. उनके इस नेक काम के लिए उन्हें सम्मान भी मिल चुका है. 

पाठशाला में बच्चों को पढ़ाते सिपाही विकास कुमार.

राजवीर चौधरी/बिजनौर: यूपी पुलिस (UP Police) पूरी जिम्मेदारी से जनता की सेवा और सुरक्षा में जुटी रहती है. लेकिन यूपी पुलिस का एक ऐसा जवान भी है, जो पिछले कई साल से घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देता है. कॉन्सटेबल की नेक पहल को देखते हुए डीआईजी मुरादाबाद से सम्मान भी मिल चुका है. हम बात कर रहे हैं यूपी पुलिस के सिपाही विकास कुमार की. 

डायल-112 में तैनात हैं विकास कुमार 
विकास कुमार सहारनपुर जिले के रहने वाले है. वह 2016 में यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्त हुए. पुलिस की ट्रेनिंग के बाद विकास कुमार की पोस्टिंग बिजनौर जिले में हुई. मौजूदा समय में विकास बिजनौर के थाना मंडावली के डायल-112 में तैनात हैं. साल 2017 से विकास ने स्कूली बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का सिलसिला शुरू किया. धीरे-धीरे यूपी के सहारनपुर में 25-30, बुलंदशहर और बिजनौर में पांच-पांच पाठशालाएं शुरू कीं. 

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उत्तराखंड में भी बच्चों को देते हैं मुफ्त शिक्षा
यूपी के अलावा उत्तराखंड के रुड़की में भी पांच पाठशालाएं खोलीं औऱ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. हर पाठशाला में करीब 150 बच्चे हैं, जिन्हें सात-आठ टीचर हर पढ़ाते हैं. इन पाठशालाओं में बच्चों को सभी सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं. विकास कुमार की पाठशाला के जरिए अब तक 15 -20 स्टूडेंट्स पुलिस और रेलवे विभाग में शिक्षक बन चुके हैं. 

इसलिए विकास ने की मुफ्त शिक्षा देने की पहल 
सोमवार को भी बिजनौर के किशनपुर में कॉन्स्टेबल विकास कुमार बच्चों को ब्लैक बोर्ड में पढ़ाते नजर आए. बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा विकास कुमार ने इसलिए उठाया क्योंकि उनके गांव में कोचिंग सेंटर की सुविधा नहीं थी. पाठ्य सामग्री भी नहीं थी. अपने दौर में आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने का मन बना लिया. वह खुद बच्चों को हर सब्जेक्ट पढ़ाते हैं. 

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लोगों के मन से खत्म हुआ पुलिस का डर 
विकास कुमार की पाठशाला में ग्यारवीं क्लास की अमृता पिछले डेढ़ साल से यहां पढ़ रही हैं. दसवीं में उसने पाठशाला से ही पढ़कर 88 फीसदी अंक हासिल किए. अपने गुरु विकास कुमार का धन्यवाद करते हुए उसने कहा कि पुलिसिया वर्दी में पढ़ाते हैं, तो बहुत अच्छा लगता है. वह हर सब्जेक्ट को अच्छे से पढ़ाते है. छात्रा ने बताया कि जब गांव में पुलिस आती थी, तो बहुत डर लगता था. लेकिन गुरु जी के पढ़ाने के बाद पुलिस की वर्दी का डर भी खत्म हो गया है. 

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