पीलीभीत शहर विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने 47 वर्षीय संजय सिंह गंगवार को आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीन महीने की सजा सुनाई. हालांकि उन्हें निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है. जानिए क्या है पूरा मामला
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मोहम्मद तारिक़/पीलीभीत: गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार को पीलीभीत की विशेष एमपी एमएलए कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में तीन-तीन माह के साधारण कारावास की सजा व 2-2 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. हालांकि राज मंत्री संजय सिंह गंगवार को मुचलके पर जमानत मिल गई है.
दरअसल 2012 में पीलीभीत की सदर विधानसभा सीट से संजय सिंह गंगवार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. उसी दौरान पीलीभीत की थाना सुनगढ़ी पुलिस ने उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे. जिसमें से एक मामले में दोष सिद्ध नहीं हो पाया. जबकि आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में दोष सिद्ध हो गया. विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट प्रियंका रानी ने यह सजा सुनाई है. दोनों ही मामलों में संजय सिंह गंगवार को तीन-तीन माह के साधारण कारावास व 2-2 हजार का अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड जमा न करने पर एक एक महा की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
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संजय सिंह गंगवार ने सबसे पहले 2012 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि उस समय उन्हें सपा के स्वर्गीय रियाज अहमद से चुनावी हार का सामना करना पड़ा था. संजय सिंह गंगवार पीलीभीत के एक ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके हैं. 2017 में बीजेपी की टिकट से वह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे. भाजपा की टिकट पर वह चुनाव जीतकर विधायक बने थे. 2022 में दूसरी बार वह विधायक बने, इसके बाद योगी सरकार में उन्हें मंत्री पद दिया गया.संजय सिंह ने ग्रेजुएशन किया है. इस साल हुए विधानसभा चुनाव में नॉमिनेशन में उन्होंने 5.05 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी. उन्होंने ने सपा प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह गंगवार को करारी शिकस्त दी थी.