यूपी के महाराजगंज जिले में लगने वाले भारत-नेपाल बॉर्डर पर इन दिनों स्वास्थ्य विभाग ने चौकसी तेज कर दी है. यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. यह फैसला मंकीपॉक्स को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद लिया गया है.
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अमित त्रिपाठी/महराजगंज: केरल में मंकीपॉक्स के मरीजों की पुष्टि होने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी हरकत में आ गई है. लोगों की सेहत से किसी तरह का खिलवाड़ न हो, इसके लिए प्रशासन पहले ही हरकत में आ गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग अलर्ट में आ गया है. महाराजगंज जिले के भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा सोनौली पर स्वास्थ्य विभाग को चौकस रहने को कहा गया है. दरअसल नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा में दाखिल होने वाले विदेशी नागरिकों पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. मंकीपॉक्स वायरस का लक्षण दिखने पर विदेशी नागरिकों का सैंपल एकत्र करने के भी आदेश जारी किए गए हैं. इस मामले पर जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया मंकीपॉक्स को लेकर पहले से ही कोविड टीमे लगी हैं. उन्हीं के द्वारा बॉर्डर पर टेस्टिंग की जा रही है. चूंकि सोनौली सीमा पर विदेशी नागरिकों का आना-जाना रहता है. इसको देखते हुए अगर बॉर्डर पर मंकीपॉक्स के लक्षण वाले मरीज मिलते हैं तो बॉर्डर पर तैनात डॉक्टरों का पैनल उनका सैंपल कलेक्ट कर आगे के उपचार की व्यवस्था करेगा.
इससे पहले राजधानी लखनऊ में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है. यहां विदेशों से आने वाले पर्यटकों एवं नागरिकों पर स्वास्थ्य विभाग नजर रख रहा है.स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार लक्षण मिलने पर कम से कम एक सप्ताह तक संबंधित यात्री के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी.स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी संदिग्धों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग करने का निर्देश दिया था.
इन लक्षकों की अनदेखी न करें
मंकीपॉक्स के प्राथमिक लक्षण संक्रमण के 5से 21दिन के बीच आ सकते हैं. शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं इनमें बुखार आती है.
सिर,मांसपेशियों, कमर आदि में दर्द होता है.
यदि बुखार के बाद भी शरीर पर रैशेज नजर आते हैं तो तत्काल नजदीकी चिकित्सक से मिलें.
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