Jaunpur: क्या बैंकाक में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल पाएगा पेंटर का बेटा, कहां से आएंगे 1 लाख रुपये?
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Jaunpur: क्या बैंकाक में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल पाएगा पेंटर का बेटा, कहां से आएंगे 1 लाख रुपये?

उत्तर प्रदेश खेल को आगे बढ़ाया जा रहा है. आगे बढ़ रहे मासूम ताइक्वांडो खिलाड़ी के सामने गरीबी सबसे बड़ा रोड़ा बन रही है. ऐसा ही मामला जौनपुर में सामने आया है.

Jaunpur: क्या बैंकाक में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल पाएगा पेंटर का बेटा, कहां से आएंगे 1 लाख रुपये?

अजीत सिंह/जौनपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में खेल को आगे बढ़ाया जा रहा है. आगे बढ़ रहे मासूम ताइक्वांडो खिलाड़ी के सामने गरीबी सबसे बड़ा रोड़ा बन रही है. ऐसा ही मामला जौनपुर में सामने आया है. जहां बेबस माता-पिता के पास एक लाख रुपया न होने के कारण अपने बच्चे को बैंकाक में होने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन होने के बाद भी नहीं भेज पा रहे हैं. आइए बताते हैं पूरा मामला.

खिलाड़ी के माता-पिता लगा चुके गुहार
आपको बता दें कि इस होनहार खिलाड़ी के माता-पिता अपने बेटे के भविष्य के लिए आर्थिक मदद के लिए नेता मंत्री और अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. कहीं दुत्कार मिली, तो कही आश्वासन की घुट्टी पिलाई गई. चौंकाने वाली बात ये है कि प्रतिभावान खिलाड़ी का ये हाल प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव और खेल प्रेमी सांसद श्याम सिंह यादव जिले का है. 

प्रदेश और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीता है आधा दर्जन मेडल
आपको बता दें कि जौनपुर नगर से सटे बसीरपुर गांव के निवासी मो. आसिफ का 12 साल का बेटा नूर मोहम्मद ताइक्वांडो खिलाड़ी है. नूर ने अब तक देश में होने वाली आधा दर्जन प्रदेश और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. उसने कम उम्र में ही लखनऊ, पंजाब, मेरठ, गोवा, अमृतसर और चंदौली में आयोजित गेम में जिले का नाम रोशन किया है. वहां, देश के अन्दर होने वाली प्रतियोगिता का खर्च उसके माता पिता ने मेहनत मजदूरी करके उठा लिया, लेकिन अब बैंकाक होने वाली अतंरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेटे का चयन हो गया है. इस प्रतियोगिता में आने-जाने और खाने में लगने वाला खर्च लगभग एक लाख रुपये है. इस खर्च को अब माता-पिता नहीं उठा सकते है. 

मामले में खिलाड़ी के पिता ने कहा
इस मामले में खिलाड़ी नूर मोहम्मद के पिता मो. आसिफ ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बेटे के भविष्य के लिए हम आर्थिक मदद के लिए जिलाधिकारी, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, जफराबाद के विधायक जगदीश नारायण राय, सांसद श्याम सिंह यादव के पास गए. तब डीएम ने कड़े तेवर जवाब देते हुए कहा कि मेरे पास ऐसा कोई फण्ड नहीं है, जिससे खिलाड़ियों की मदद की जा सके. उसके बाद वह सांसद श्याम सिंह यादव के पास गए, तो उन्होंने मदद करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अब देखना है कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह के पास जाकर मदद की गुहार लगाएंगे. आसिफ ने बताया कि मेरा बेटा यह प्रतियोगिता जीत लिया तो उसका चयन 2024 में होने वाले ओलंपिक में हो जाएगा.

नूर मोहम्मद की मां ने कहा
इस मामले में नूर मोहम्मद की मां ने बताया कि मेरे पति पेंटर का काम करते हैं. प्रतिदिन मिलने वाली पांच सौ रूपये की दिहाड़ी से घर का खर्च चलता है. उसी में पैसा बचाकर बेटे को खेलने के लिए रखा जाता है. अब मेरा बेटा जिले और देश का नाम रोशन करने के लायक हो गया है.

सांसद ने कहा
इस मामले में सांसद श्याम सिंह यादव ने कहा कि मेरे दिल में इस खिलाड़ी के लिए जगह है मै पूरा सहयोग कंरूगा. यदि समय रहते इस प्रतिभावान खिलाड़ी को सहायता नहीं मिला तो देश के एक और खिलाड़ी की भ्रूण हत्या होना तय हैं. 

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