Rare Astronomical Event: सितारों की दुनिया में ऐसी अनूठी घटना 50 हजार साल बाद घटित होने जा रही है.. यह पुच्छल तारा सूरज का एक चक्कर लगाने में 50 हजार साल का समय लेता है.
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Green Comet: सितारों की दुनिया में हैरान करने वाली कई घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन इस बार करीब 50 हजार साल बाद अंतरिक्ष में बेहद अजीबोगरीब घटना होने जा रही है. दरअसल, 1 फरवरी की रात को बेहद अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. धरती के करीब से एक धूमकेतु गुजरने वाला है। यह धूमकेतु 50 हजार साल बाद फिर से हमारे सौर मंडल में आया है और सूर्य के करीब से गुजरेगा. अगर आपके इलाके का आसमान उस समय साफ रहा तो आप इसे अद्भुत घटना को अपनी नंगी आंखों से भी देख सकते हैं. खगोल वैज्ञानिकों का कहना है कि यह धूमकेतु पृथ्वी के इतने करीब के गुजरेगा कि इसे बाइनाकुलर, टेलीस्कोप के साथ ही नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा.
साल 2022 की 2 मार्च को पहली बार दिखाई दिया
यह हाल ही में खोजा गया धूमकेतु है जो पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है. इसे 2 मार्च 2022 को पहली बार देखा गया था. तब लगा था कि यह एक उल्कापिंड है. लेकिन जैसे-जैसे यह सूर्य के करीब आता रहा, इसकी चमक और तेज होती गई. बाद में पता चला की यह एक धूमकेतु है. ज्योतिष ग
किसे कहते हैं धूमकेतू?
धूमकेतु बर्फ और धूल से बना पिंड होता है. जब यह सूर्य के करीब से गुजरता है तो इसकी पूंछ बन जाती है. नासा के मुताबिक 12 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीब था. इसके बाद से लगभग पूरे जनवरी यह उत्तरी गोलार्ध टेलीस्कोप के जरिए दिखाई देगा. खास बात है कि ये धूमकेतू 1 और 2 फरवरी को नग्न आंखों से भी देखा जा सकेगा, बस आपके इलाके का आसमान साफ होना चाहिए.
कुछ ऐसा दिखाई देगा धूमकेतू
खगोलविदों के मुताबिक बर्फ व धूल से बने और हरे रंग के प्रकाश का उत्सर्जन करने वाले इस धूमकेतु का व्यास लगभग एक किलोमीटर के करीब है. आमतौर पर एक धूमकेतु रात में एक सफेद लपट जैसा दिखाई देता है, लेकिन इस धूमकेतु का हरा रंग दुर्लभ है. यह पृथ्वी से 2.7 करोड़ मील की दूरी से गुजरेगा. अनुमान है कि इस यात्रा के बाद यह धूमकेतु हमारे सौरमंडल से हमेशा के लिए बाहर हो जाएगा.
जानें इसे आप कब देख सकते हैं?
खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए एक फरवरी की रात बेहद खास होगी. इस रात आसमान में कुछ पलों के लिए हरी चमकीली लपट का नजारा दिखेगा.एक्सपर्ट्स ने कहा कि हरा धूमकेतु 1 और 2 फरवरी को रात के आकाश में सबसे चमकीले के रूप में दिखाई देगा. हरा धूमकेतु उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध से अपने निकटतम बिंदु (केवल 28 मिलियन मील दूर) पर दिखाई देगा.
पुरापाषाण काल में गुजरा था धूमकेतू
असल में यह एक धूमकेतु है. पिछली बार जब यह धूमकेतु पृथ्वी के 4.2 करोड़ किलोमीटर आसमान से गुजरा था, तब हमारा ग्रह पुरापाषण काल में था. उस समय हमारे ग्रह पर विकास क्रम में निएंडरथल मानव निवास करते थे. नासा के मुताबिक, C/2022 E3 (ZTF) धूमकेतु का पीरियड लगभग 50 हजार साल है. इसका मतलब है कि पिछली बार जब यह धूमकेतु पृथ्वी के 4.2 करोड़ किलोमीटर तक नजदीक आया था, तब हमारा ग्रह पुरापाषाण काल (Upper Paleolithic period) में था।
न्यूयॉर्क और कनाडा यूनिवर्सिटी ने बनाई योजना
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (York University) ने भी इस धूमकेतु को देखने की योजना बनाई है. कनाडा की इस यूनिवर्सिटी में बहुत बड़ा टेलिस्कोप लगा है, जिसके जरिए धूमकेतु को देखा जाएगा.
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