प्रदेश में बिजली कर्मचारी अपनी 13 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं. ऊर्जा मंत्री के साथ बातचीत में भी समाधान नहीं निकला है. यदि समय पर इस मुद्दे का समाधान नहीं निकाला गया तो प्रदेश में बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है.
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लखनऊ : प्रदेश में गरमी बढ़ने के साथ बिजली संकट की आहट तेज हो गई है. बिजली के तात्कालिक वजह बिजली कर्मचारियों की हड़ताल है. कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं. यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में बिजली सप्लाई पर असर पड़ना तय है. हालांकि प्रदर्शन के पहले विद्युत कर्मचारी संगठनों में दो फाड़ हो गया है.
उधर उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने बयान दिया है कि मुख्यमंत्री और मंत्री के निर्देश पर 24 घंटे काम करेंगे. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने हड़ताल पर है. अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करने का आह्वान किया है. बताया जा रहा है कि विद्युत कर्मचारी संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया गया था. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मुलाकात की है.
वार्ता हुई विफल
लेकिन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और ऊर्जामंत्री के बीच वार्ता विफल हो गई है. विद्युत कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. विद्युत कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गुरुवार रात 10 बजे से अगले 3 दिनों तक हड़ताल की घोषणा की थी. कर्मचारियों की 13 सूत्रीय मांग हैं.
यूपी के श्रावस्ती जिले में विद्युत कर्मचारी धरने पर बैठे हैं. दरअसल विद्युत कर्मचारियों ने बीते तीन दिसंबर को ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में हुए लिखित समझौते को लागू करने की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है. विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने बुधवार को कार्य बहिष्कार किया और गुरुवार शाम से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने का भी ऐलान किया है. संगठन के अध्यक्ष अमित प्रजापति ने बताया कि बार-बार आश्वासन के बाद भी बिजली कर्मियों की मांगे पूरी नहीं की गई. हम लोग अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन पर उतरे हैं और अगर मांगे पूरी नही हुई तो बड़े आंदोलन पर जाने के लिए हम लोग मजबूर होंगे.
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