अयोध्या में एक और मंदिर पर विवाद, प्राचीन तपस्वी छावनी मंदिर को लेकर महंतों के धड़े आमने-सामने
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अयोध्या में एक और मंदिर पर विवाद, प्राचीन तपस्वी छावनी मंदिर को लेकर महंतों के धड़े आमने-सामने

अयोध्या के तपस्वी छावनी मंदिर के महंत सर्वेश्वर दास का विगत दिनों निधन हो गया था. इसके बाद से इस मंदिर की महंती को लेकर महंतों के दो गुटों में विवाद की स्थिति बन गई  है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला

अयोध्या में एक और मंदिर पर विवाद, प्राचीन तपस्वी छावनी मंदिर को लेकर महंतों के धड़े आमने-सामने

सत्यप्रकाश/अयोध्या: राम की नगरी अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. 9 नवंबर 2019 में यह विवाद आखिरकार समाप्त हो गया. अब भव्य मंदिर निर्माण का कार्य हो रहा है. लेकिन इन दिनों एक और मंदिर के विवाद का मामला अयोध्या में चर्चा का विषय बना हुआ है. अयोध्या भर के संत इस मंदिर के विवाद को लेकर दो गुटों में आमने-सामने हैं. मामला तपस्वी छावनी मंदिर का है. दरअसल 30 अगस्त को तपस्वी छावनी मंदिर के महंत सर्वेश्वर दास का निधन हो गया और अब उनके स्थान पर नए महंत की नियुक्ति कराए जाने के लिए अयोध्या के साधु संतों में ही विवाद शुरू हो गया है. 12 सितंबर को मंदिर के महंत बनाए जाने के प्रयास को लेकर दोनों गुटों के साधु-संत प्रशासनिक अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं. वहीं अब प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले को लेकर सतर्क हो गए हैं. मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में सुरक्षा बल को तैयार कर दिया है. 

महंत सर्वेश्वर दास के निधन से खाली हुई महंत की गद्दी
दरअसल, अयोध्या के रामघाट क्षेत्र स्थित तपस्वी छावनी मंदिर के महंत सर्वेश्वर दास का 30 अगस्त को निधन हो गया. इसके बाद इस मंदिर के महंत गद्दी खाली हो गई. अब मंदिर के महन्त को बनाए जाने के लिए दावा किया जा रहा है. वर्तमान में परमहंस दास उत्तराधिकारी के रूप में पहले ही महंत बनाए जाने का दावा कर रहे हैं. उनके मुताबिक 2017 में सर्वेश्वर दास के द्वारा महंत बनाया गया था. इस दौरान अयोध्या भर के साधु संत भी मौजूद थे. 
वहीं 2019 में सर्वेश्वर दास के द्वारा ट्रस्ट गठित किया गया. जिसमें बताया गया था कि हमारे ना रहने यदि महंत की गद्दी खाली होती है तो ट्रस्ट महंत चुन सकता है. लेकिन जब 2017 में ही परमहंस दास को महंत बनाए जाने का दावा किया जा रहा है तो अब महंत की गद्दी खाली होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यही कारण है कि अयोध्या के संत दो गुटों में दिखाई दे रहे हैं. जहां मणिराम दास छावनी सहित कई बड़े महंत ट्रस्ट के समर्थन में उतरे हैं तो वहीं अब तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी परमहंस दास के साथ अयोध्या का प्रसिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के सैकड़ों नागा साधु समर्थन कर रहे हैं.

जिला प्रशासन हुआ सतर्क

तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें तपस्वी छावनी के महंत होने का दावा करते हुए अयोध्या के तीन महंत कमल नयन दास, राजकुमार दास और दिलीप दास से जानमाल का खतरा बताया है. इसमें कहा गया है कि यदि हमारी हत्या होती है तो यही लोग जिम्मेदार भी होंगे. फिलहाल इस वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है. परमहंस दास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है तो वहीं इस पूरे विवाद पर अब जिला प्रशासन सतर्क हो गया है.

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