Cyber attack: साइबर हमले के चलते पूरी ई-टिकटिंग की व्यवस्था ध्वस्त हो गई. यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा...ऑनलाइन टिकट नहीं मिलने की वजह से बस अड्डों पर लंबी लाइनें लगी रही.
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Cyber attack : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) भी साइबर अटैक (Cyber Attack) का शिकार हो चुका है. हैकर्स ने बुधवार को राज्य सड़क परिवहन निगम की हाईटेक व्यवस्था पर सेंध लगा दी. जिस कारण रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ठप हो गई. UPSRTC की ई-टिकट बुकिंग वेबसाइट को हैक करने वाले हैकर्स ने 40 करोड़ बिटकॉइन (400 million bitcoins) की फिरौती मांगी है. मामले में परिवहन निगम के जीएम आईटी यजुवेंद्र सिंह ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि अब इसे पूरी तरह से बहाल करने में 10 दिन का समय लगेगा.
ऑनलाइन सेवाएं ठप
ईटीएम मशीन से जो ऑनलाइनट टिकट बनते हैं वो भी बनना बंद हो गए. इसी के ही साथ Online Ticket सेवा और रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं भी पूरी तरह ठप हो गई. जिसके चलते परिवहन निगम को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं यात्रियों को भी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा है. हैकर्स का कहना है कि अगर दो दिन में 40 करोड़ बिटकॉइन नहीं दिए तो रकम की राशि दो गुना कर दी जाएगी यानी,80 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा.
मैनुअल तरीके से किए जाएं
खबरों के मुताबिक यूपी रोडवेज ऑफिस की तरफ से रीजनल मैनेजर्स और असिस्टेंट रीजनल मैनेजर को निर्देश जारी किए गए हैं कि जब तक साइबर अटैक से ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं तब तक सभी काम मैनुअल तरीके से किए जाएंगे. माना जा रहा है कि रोडवेज की ऑनलाइन सेवाएं अगले एक हफ्ते तक ऐसे ही ठप रहने वाली हैं. जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
हैकर्स ने दिया दो दिन का समय
फिरौती के लिए साइबर हमलावरों ने 2 दिन का समय दिया है. हैकर्स ने साइबर अटैक के साथ सर्वर पर फिरौती का मैसेज फ्लैश करवाया है. वहीं इस मामले में पुलिस ने साइबर क्राइम थाने (Cyber Crime Thana) में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सरकार ने जारी किया बयान
सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि साइबर विदेशी हैकरों ने रात करीब दो बजे वेबसाइट को हैक कर लिया. इसे सही करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वेबसाइट का प्रबंधन करने वाली कंपनी मैसर्स ओरियन प्रो ने वेबसाइट से डेटा रिकवर करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम लगाई हुई है. ऑनलाइन टिकटिंग सेवाओं को बहाल करने के लिए एक नया सर्वर स्थापित करने के लिए कंपनी ने एक हफ्ते का वक्त मांगा है. बता दें कि यूपी रोडवेज का सारा ऑनलाइन सिस्टम का ठेका मुंबई की ओरियन प्रो कंपनी के पास है. परिवहन निगम की तरफ से टेस्टिंग के बाद कुछ दिन पहले ही कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट 5 साल के लिए किया गया था.
हालांकि इस मामले में एक मुकदमा मुंबई में तो वहीं एक मुकदमा लखनऊ के साइबर थाने में दर्ज हो गया है. विशेषज्ञ डाटा निकालने की जुगत में लगे हैं हालांकि बस अड्डे पर मौजूद लोगों और कंडक्टर का कहना है कि वेबसाइट हैक होने के बाद उनका काम बहुत ज्यादा बढ़ गया है. क्योंकि अब मैनुअल टिकट ही लेना पड़ रहा है. एआरएम का कहना है कि उन्हें मैनुअल टिकट देने के लिए स्टाफ को बढ़ाना पड़ा है जिससे समय की बर्बादी हो रही है और विभाग को करोड़ों का नुकसान भी हो रहा है.
रोडवेज को रोज एक करोड़ का नुकसान
आपको बता दें कि रोज 14 से 15 लाख यात्री यूपीएसआरटीसी की बसों से सफर करते हैं और 15 से 16 करोड़ रुपये की आमदनी रोज विभाग को होती है. लेकिन वेबसाइट हैक होने की वजह से विभाग को रोज 1 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि यह हैकर्स कौन हैं और क्या चाहते हैं. लेकिन सवाल यह जरूर खड़ा होता है कि इतने बड़े विभाग में ऐसी लापरवाही और अभी तक हाथ खाली है इसकी जवाबदेही कौन देगा?
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