Milkipur Election News: मिल्कीपुर की महाभारत में कौन जीतेगा, ये पता नहीं है, लेकिन समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों को ही बागी नेताओं की नाराजगी का डर सता रहा है. बगावती तेवर दिखा रहे नेता परिणामों में उलटफेर करने का माद्दा रखते हैं.
Trending Photos
Milkipur Bypolls 2025: मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है. यह भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला भर नहीं रह गया है. इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के भीतर आंतरिक कलह उभरने लगी है. बीजेपी जहां एक तरफ अपने बगावती नेताओ को मनाने में जुट गई है तो वहीं सपा के बागी नेता ने अजित प्रसाद की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा के तरफ से प्रत्याशी की घोषणा के बाद मिल्कीपुर से कई वर्षों से विधानसभा सीट से विधायक बनने का सपना संजोए सूरज चौधरी को बागी बना दिया. अजीत के नाम का आधिकारिक तौर पर एलान होने के बाद सूरज चौधरी ने समाजवादी पार्टी से अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ इस्तीफ़ा दे दिया और मिल्कीपुर विधानसभा में उप चुनाव में चुनावी मैदान में आज़ाद पार्टी से उतर गए.वहीं बगावत की इस लहर में भाजपा के अंदर यह विरोध नामांकन के पहले दिन से ही दिखाई देने लगा था. यह मिल्कीपुर में कुंदरकी चुनाव जैसा नतीजा देना भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है. प्रदेश नेतृत्व के सामने कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों के बीच पैदा हुई कड़वाहट को दूर करने की बड़ी चुनौती है.नाराज़ हो रहे नेताओ को मनाने के लिए लगातार कवायद शुरू कर दी गई है.
सपा में परिवारवाद पर गुस्सा
लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद अयोध्या लोकसभा सीट पर अप्रत्याशित जीत के बाद फैजाबाद लोकसभा से सांसद बने अवधेश प्रसाद का कद समाजवादी पार्टी में और बढ़ गया है. शायद यही कारण था कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर तय समय से पहले ही अवधेश ने अपने बेटे अजीत प्रसाद की दावेदारी सब के सामने रख दी। सपा के इस नाम के ऐलान के बाद परिवार बात का आरोप लगने लगा और सपा में भी बगावत शुरू हो गई.
2017 में गोरखनाथ बने थे विधायक
मिल्कीपुर से सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से 2017 में विधायक चुने गए गोरखनाथ बाबा को 2022 विधानसभा चुनाव में अवधेश ने शिकस्त दी थी. इसके बाद से गोरखनाथ बाबा लगातार मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे. गोरखनाथ बाबा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की तरफ से अपने आप को स्वघोषित उम्मीदवार मान बैठे थे. मगर पार्टी को मिले क्षेत्रीय फीडबैक ने गोरखनाथ बाबा के उम्मीदों को तोड़ दिया.
गोरखनाथ की नाराजगी
विधानसभा उपचुनाव में चंद्रभान पासवान को भाजपा ने टिकट दे दिया है. चंद्रभान पासवान के नामांकन में जिले और प्रदेश के नेताओं ने मंच साझा किया, लेकिन मंच पर गोरखनाथ बाबा नहीं दिखाई दिए.सूत्रों की मानें तो गोरखनाथ बाबा को मनाने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री और अन्य स्थानीय नेताओं ने जाकर गोरखनाथ बाबा को केंद्र नेतृत्व का हवाला देते हुए मनाने की हर संभव प्रयास किया है, लेकिन बात कितनी बनी है ये बोलने को कोई तैयार नहीं है.
राधेश्याम त्यागी के समर्थक भी नाराज
बीजेपी से नाराज़ चल रहे भाजपा नेता राधेश्याम त्यागी को भले ही शुक्रवार को हार्ट अटैक आ गया हो लेकिन उससे पहले उनके तेवर ठीक नहीं नज़र आ रहे हैं. राधेश्याम त्यागी के समर्थकों ने फेसबुक पर त्यागी की फोटो पोस्ट कर बीजेपी और केंद्र के नेताओं पर जातिगत आंकड़े के तहत फैसले लेने का जिक्र किया था. इसके बाद मंत्री सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह ने जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी को उनके आवास पर पहुंच कर की मुलाकात की. उनको मनाने का प्रयास किया. नेताओं ने उप चुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए चुनाव में लगने गुजारिश की.
भाजपा पिछड़ा मोर्चा के महानगर उपाध्यक्ष का इस्तीफा
भाजपा पिछड़ा मोर्चा के महानगर उपाध्यक्ष विजय यादव ने अपने साथियों के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. गोसाईगंज के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को लेकर भी चर्चा हुई थी. मिल्कीपुर उपचुनाव के चुनावी कार्यालय से उनकी तस्वीर गायब है. इसके बाद एक नाराज़गी ये भी सामने आई. अब सपा के गोसियागंज के बागी विधायक अभय सिंह भाजपा के करीबी हो गए है इसलिए खब्बू तिवारी की तस्वीर गायब होने पर कयास लगाए जाने लगे. भाजपा में प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति ने पार्टी के अंदर मतभेद की स्थिति को उजागर कर दिया हालांकि भाजपा के स्थानीय नेता इसपर सफाई दे रहे हैं. लिहाजा मिल्कीपुर का चुनाव बगावत की वजह से काफी दिलचस्प हो गया है क्योंकि अपनों ने ही दोनों दलों के लिए मुश्किलें खड़ा कर दी है.
और पढ़ें
मिल्कीपुर में बीजेपी नेता की हालत बिगड़ी, विधानसभा उपचुनाव में टिकट के थे दावेदार