UP News: उत्तर प्रदेश में लगातार समाने आ रहे धर्मांतरण के मामलों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में हैं. प्रमुख सचिव ग्रह डीजीपी के साथ बैठक कर उन्होंने धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त निर्देश दिए हैं.
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लखनऊ: यूपी में हो रहे धर्मांतरण को लेकर सीएम योगी सख्त हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक कर प्रमुख सचिव ग्रह डीजीपी को सख्त निर्देश दिए हैं, उन्होंने कहा कि धर्मांतरण करने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. उत्तर प्रदेश में यह कानून पहले से लागू है. उसके बावजूद धर्मांतरण और लव जिहाद की खबरें सामने आ रही हैं. इसे लेकर कार्रवाई की जाए.
सीएम योगी ने दिए ये निर्देश
उन्होंने कहा, ऐसे कई सारे गिरोह से पूरे उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय जो धर्मांतरण का काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए. जिसके बाद यूपी के सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को भी निर्देश जारी कर दिया गया है. इसके बाद पहचान छुपाकर महिलाओं और युवतियों को फंसाने वाले और फिर उनसे शादी कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है. जानकारी के मुताबिक इसको लेकर एक लिस्ट भी तैयार हो रही है.
धर्मांतरण को लेकर यूपी में हुई कार्रवाई की डिटेल
उत्तर प्रदेश में अब तक धर्मांतरण के 291 मामले दर्ज हुए हैं जबकि धर्मांतरण कानून को लेकर अब तक 507 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई हैं. 150 मामलों पीड़ित कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म बदलवाने की बात कबूली है. नाबालिगों के धर्मांतरण के मामले में अब तक 59 मामले दर्ज हुए. बरेली में अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज हुए है. दिव्यांग बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी हो चुका है. बता दें, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार धर्मांतरण को लेकर सख्ती के साथ पेश आ रही है.
ये है नियम धर्मांतरण का कानून
- प्रदेश में 27 नवंबर, 2020 से गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू
- यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल.
- कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक.
- अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को करना होता है सूचित.
- जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान.
- एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान.
- जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार.
- कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को दिया जाएगा अवैध करार.