ठंड में गर्म पानी से नहाने का चलन बढ़ जाता है. हालांकि बीपी के मरीजों को गर्म पानी से नहाने के लिए बचने की सलाह दी गई है.
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लखनऊ : नहाना मानसिक सेहत के लिए जरूरी है. कुछ लोगों की आदत ठंडे पाने से नहाने की होती है तो कुछ गर्म पानी से नहाते हैं. हालांकि, ठंड बढ़ने पर अधिकांश लोग गर्म पानी से ही नहाते हैं. एक ताजा अध्ययन में हाई ब्लड प्रेशर यानी बीपी के मरीजों को गर्म पानी से नहाने के लिए चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. अध्ययन के मुताबिक, बीपी के मरीजों को ठंड में गर्म पानी से नहाने से बचने की सलाह दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हो या गर्मी बीपी के मरीजों को सिर पर ठंडा पानी डालकर ही नहाना चाहिए.
बढ़ जाता है स्किन इंफेक्शन का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि हल्के गुनगुने पानी से नहाना ठीक है, लेकिन तेज गर्म पानी से नहाना सेहत के लिए ठीक नहीं है. तेज गर्म पानी से नहाने से स्किन की समस्या हो सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, स्किन के तीन प्रमुख लेयर होते हैं. इसमें एपीडर्मल, डर्मल और हाइपोडर्मल शामिल हैं. इन सभी लेयर में सबसे महत्वपूर्ण है बीच का लेयर. डर्मल लेयर में ही पतली ब्लड कैपिलरीज होती है. ऊपर का लेयर हमें जर्म्स से बचाते हैं. यह हमारी शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है.
दिल के लिए भी फायदेमंद
विशेषज्ञों का कहना है कि साधारण पानी से नहाने पर शरीर में वैसोडिलेशन की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है. इससे रक्त धमनियां खुलती हैं और ब्लड का बहाव के दौरान हृदय पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता. नतीजतन ब्लड प्रेशन काबू में रहता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, सामान्य पानी से नहाने को हृदय के लिए व्यायाम जितना ही फायदेमंद पाया गया है.
तनाव कम करने में सहायक
मस्तिष्क को शांत करने और शरीर को सक्रिय रखने के लिए ठंडा पानी और दिनभर की थकान और शरीर के दर्द को दूर करने के लिए गर्म पानी से नहाने से लाभ मिलते हैं, पर क्या वास्तव में ऐसा है? इस पर विशेषज्ञों के अलग-अलग राय है. हालांकि एक ताजा अध्ययन में दावा किया गया है कि बीपी के मरीजों को ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए. ठंडे पानी से नहाने से ऐसे लोगों में तनाव भी कम होता है. तनाव को कम करने के लिए ठंडे पानी से नहाना जरूरी होता है.