बाराबंकी पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स का कहना है यह एक विशेष अभियान है. जिसमें गंभीर, लंबित प्रकरणों को सूचीबद्ध कर पुलिस कार्यालय में प्रत्येक गुरूवार को वादी-प्रतिवादी, जांचकर्ता, विवेचक को बुलाकर समीक्षा की जाती है. आज इस कार्यक्रम में दोनों पक्षों को सुनकर, विवेचक और जांचकर्ता द्वारा की गयी कार्रवाई की समीक्षा की गयी. सभी तथ्यों का अवलोकन कर प्रकरणों का निस्तारण कराया गया.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: अक्सर देखने और सुनने में आता है कि पीड़ित न्याय के लिए ठोकरें खाता रहता है. वहीं बहुत से निर्दोष लोग झूठे शिकायतकर्ताओं और फर्जी विवेचना करने वाले पुलिस कर्मियों की वजह से कोर्ट और थाने के चक्कर काटते रहते हैं. ऐसे में जब तक उन्हें न्याय मिलता है, बहुत देर हो चुकी होती है. इस तरह के मामलों पर लगाम लगाने के लिए बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने नया प्रयोग किया है.
एसपी ऑफिस में गुरुवार को होगा कार्यक्रम
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इस कार्यक्रम के लिए हर सप्ताह का गुरुवार का दिन तय किया गया है. यानी माह में चार दिन हर गुरुवार को को सच का सामना में एसपी 'जज' की भूमिका निभाएंगे. जिसमें वादी और प्रतिवादी को एक दूसरे से आमना-सामना कराया जाएगा. दोनों अपनी बात पुलिस अधीक्षक के सामने रखेंगे. ऐसे में अगर उनके बीच कोई गलतफहमी या संवादहीनता के चलते विवाद चल रहा होता है तो उसका त्वरित निस्तारण भी इसी कार्यक्रम में कर दिया जाएगा.
पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने गुरुवार को कई ऐसे गंभीर मामलों में वादी और प्रतिवादी का आमना-सामना कराया, जिसमें प्राथमिकी दर्ज थी. इस कार्यक्रम में संबंधित थानों के विवेचक भी शामिल हुए.
वहीं, बाराबंकी पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स का कहना है यह एक विशेष अभियान है. जिसमें गंभीर, लंबित प्रकरणों को सूचीबद्ध कर पुलिस कार्यालय में प्रत्येक गुरूवार को वादी-प्रतिवादी, जांचकर्ता, विवेचक को बुलाकर समीक्षा की जाती है. आज इस कार्यक्रम में दोनों पक्षों को सुनकर, विवेचक और जांचकर्ता द्वारा की गयी कार्रवाई की समीक्षा की गयी. सभी तथ्यों का अवलोकन कर प्रकरणों का निस्तारण कराया गया.
एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि लोगों को त्वरित न्याय दिलाने और प्रताड़ना को कम करने के उद्देश्य से यह पहल जिले भर में शुरू की गई है. इसके तहत विशेष मामलों के शिकायतकर्ता से लेकर आरोपित विवेचक आदि को सच का सामना करना होगा.