Barabanki: हत्या या हादसा? हेलमेट लगाने के बाद भी कुचला सिर, पुलिसवालों पर डकैती का केस दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की मौत पर खड़े हुए सवाल
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Barabanki: हत्या या हादसा? हेलमेट लगाने के बाद भी कुचला सिर, पुलिसवालों पर डकैती का केस दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की मौत पर खड़े हुए सवाल

Barabanki News: बाराबंकी जिले में अधिवक्ता की हादसे में हुई मौत पर परिजनों और करीबियों ने शक जाहिर किया है.  वहीं बाराबंकी पुलिस के मुताबिक अज्ञात वाहन ने हादसे को अंजाम दिया है, वाहन का पता लगाया जा रहा है. 

Barabanki: हत्या या हादसा? हेलमेट लगाने के बाद भी कुचला सिर, पुलिसवालों पर डकैती का केस दर्ज कराने वाले अधिवक्ता की मौत पर खड़े हुए सवाल

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बाराबंकी जिले में एक अधिवक्ता को अज्ञात वाहन ने रौंद दिया. हादसे में अधिवक्ता की मौके पर ही मौत हो गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक की शिनाख्त की तो पता चला कि मृतक जनपद गोंडा का निवासी और पेशे से अधिवक्ता था. वह लखनऊ के चिनहट में रहकर हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करता था. घटना को लेकर परिजनों ने शक जाहिर किया है. 

मौके पर हुई दर्दनाक मौत
यह हादसा लखनऊ से गोंडा जाते समय बाराबंकी के मसौली थाना क्षेत्र में बिंदौरा नहर पुल पर हुआ. जिसमें जनपद गोंडा के करनैलगंज थाना क्षेत्र के कैथोली निवासी जयप्रकाश यादव की मौक पर ही मौत हो गई. पुल पर अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी जिससे वह अनियंत्रित होकर गिर गए और वाहन उनके सिर को रौंदते हुए निकल गया. जिसमें युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

परिजनों ने घटनाक्रम पर जाहिर किया शक
वहीं पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक के परिजन और दोस्तों समेत तमाम लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम पर शक जाहिर किया. उनका कहना है कि जयप्रकाश ने इंस्पेक्टर करनैलगंज सुधीर सिंह समेत 11 पुलिसकर्मियों पर डकैती समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था. इस मुकदमें में सुलह करने को लेकर विपक्षी लगातार दबाव बना रहे थे और धमकियां दे रहे थे. 

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले जयप्रकाश की गाड़ी गिराई गई फिर उसको रौंदकर मार डाला गया. क्योंकि हेलमेट लगाए जाने के बाद भी उसका केवल सिर ही कुचला हुआ था. वहीं बाराबंकी पुलिस के मुताबिक अज्ञात वाहन ने हादसे को अंजाम दिया है, वाहन का पता लगाया जा रहा है. 

मृतक के सीनियर अधिवक्ता योगेंद्र नाथ यादव के मुताबिक जयप्रकाश की लड़ाई पुलिस से चल रही थी. भूमि विवाद को लेकर पहले पुलिस ने जयप्रकाश और उनके परिवार पर एकपक्षीय कार्रवाई की. किसी तरह जमानत पर छूटे जयप्रकाश ने कोर्ट और मानवाधिकार से पुलिसवालों पर मुकदमा लिखाया, मगर कार्रवाई नहीं हो रही थी. इस पर उसने कोर्ट में दोबारा अपील की थी, जिसकी सुनवाई होनी थी. योगेंद्र यादव ने चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर कठोर कार्रवाई न की गई तो अधिवक्ता आंदोलन करेंगे. 

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