किसान समाचार: अमरोहा में लगातार हो रही बारिश से किसान परेशान है. परेशानी का कारण बारिश बन गई है. बरिश की वजह से किसान मूंग,अरहर,उर्फ,तीली,बाजरा और ज्वार की बुआई नहीं कर पा रहे हैं.
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अमरोहा: यूपी के बुन्देलखण्ड के किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले 21 जून से 15 जुलाई तक मानसूनी बारिश न होने से किसान खरीफ की फसले नहीं बो पाये और अब रोजना हो रही बारिश से किसान फसले बोने को परेशान हैं. दरअसल फसले बोने के लिए बारिश के बाद खेतों को सुखाने के लिए 5 से 6 दिन का समय चाहिये, ऊपर से कुछ सूरज की धूप भी चाहिए, लेकिन रोजाना बारिश होने से खेत सूख नहीं पा रहे हैं. इससे खेतों में ताव नहीं आ पा रहा है जिससे किसान मूंग,अरहर,उर्फ,तीली,बाजरा और ज्वार जैसी फसलों को लेकर परेशान हैं.
बुन्देलखण्ड के हमीरपुर जिले में बारिश करीब एक महीने लेट हुई है जिससे इस साल खरीफ की फसलों की बुआई पिछड़ चुकी है,यहां 102447 हेक्टेयर में खरीफ की फसले बोई जानी है ,किसान 20 जून से 15 जुलाई तक खरीफ की दलहनी और तिलहनी फसलों को बो देता था ,लेकिन मानसून की बेरुखी के चलते इस बार वो फसल नहीं बो पाया है अब जब 15 जुलाई के बाद करीब 100 mm बारिश हुई तो किसानों ने राहत की सांस ली और खेतों के बुआई करने की तैयारियां शुरू कर दी, लेकीन रोजाना बारिश होने से खेतों में अधिक नमी हो गयी है जिसके चलते अब खेतों को खुला मौसम चाहिए ,जिससें खेतों में फसलों का बीज डाला जा सके, लेकिन मानसून की बारिश ऐसा करने से रोक रही है और किसान अपनी फसले नहीं बो पा रहा हैं.
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रोजाना बारिश होने से खेतों में नहीं आ पा रहा ताव
किसान संतोष सिंह की माने तो इस साल खरीफ के उत्पादन में भारी गिरावट हो सकती है,क्योकि पहले किसान बारिश नही होने के चलते अपनी फसले नहीं बो पाये और अब रोजाना बारिश होने से फसले नहीं बोई जा पा रही है,फसलों को बोने के लिए खेतों में ताव की जरूरत है,लेकिन रोजाना हो रही बारिश से खेतों में नमी बढ़ती जा रही है, अगर ऐसे हालात में किसान खेतों में बीज डालेगा वो बीज पानी की अधिकता के चलते खेतों में ही सड़ जायेगा उसमें कोई अंकुर नहीं फूटेगा,अब एक सप्ताह बारिश न हो तभी कुछ हालात सही हो पायेंगे और किसान फसलों की बुआई सही तरह से कर पायेगा.
एक सप्ताह अगर और ऐसे हालात,तो खरीफ की बोआई नहीं करेंगे किसान
किसान उदयभान की माने तो सालों से वो खरीफ की फसले 20 जून के बाद बोते आये हैं. ऐसे में आज 26 जुलाई हो चुकी है. फसल पूरी एक महीना लेट हो चुकी है. अरहर की फसल को छोड़ मूंग,उर्द,तिल,मूंगफली,ज्वार ,बाजरा जैसी फसले 3 माह में तैयार होती हैं, जिसके बाद किसान रबी की फसल की तैयारी करने लगता है और अक्टूबर के अंतिम पखवाड़े और नंबर की शुरुवात के साथ रबी की आधी फसले बो दी जाती है. ऐसे में अगर किसान अगस्त माह में खरीफ की फसल बोयेगा तो रबी की फसल भी 15 से 25 दिन लेट हो जायेगी, इसलिए खेती के लिए अब जरूरी है कि कम से कम 4 से 5 दिन जायदा बारिश न हो जिससे खेतो में ताव आ सके और किसान खरीफ की फसलें बो सके.
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