अयोध्या में 2 नवंबर 1990 को हुई फायरिंग में मारे गए कारसेवकों के नाम पर सड़क बनाएगी योगी सरकार
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अयोध्या में 2 नवंबर 1990 को हुई फायरिंग में मारे गए कारसेवकों के नाम पर सड़क बनाएगी योगी सरकार

''1990 में कारसेवक अयोध्या आए थे और रामलला के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे रामभक्तों पर गोलियां चलवा दी थीं. इनमें कई लोगों की मृत्यु हो गई थी.''

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (File Photo)

अयोध्या: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान 2 नवंबर 1990 को पुलिस फायरिंग में जान गंवाने वाले रामभक्तों के नाम पर राज्य में सड़कों का निर्माण कराएगी. उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या बीते 8 जुलाई को अयोध्या की यात्रा पर थे. इस दौरान उन्होंने कहा, ''1990 में कारसेवक अयोध्या आए थे और रामलला के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने निहत्थे रामभक्तों पर गोलियां चलवा दी थीं. इनमें कई लोगों की मृत्यु हो गई थी.''

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शहीद जवानों के सम्मान में बनेगा ''जय हिन्द वीर पथ''
केशव प्रसाद मौर्या ने ऐलान किया कि उत्तर सरकार ने इन सभी कारसेवकों के नाम पर राज्य की सड़कों के नामकरण का निर्णय लिया है. इसके अलावा, केपी मौर्या ने यह भी बताया कि देश के दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों के सम्मान में यूपी में ''जय हिन्द वीर पथ'' का निर्माण किया जाएगा. आपको बता दें कि योगी सरकार इसके पहले कोठारी बंधुओं के नाम पर अयोध्या में सड़क के नामकरण की घोषणा कर चुकी है.

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अयोध्या में साल 1990 में 2 नवंबर के दिन क्या हुआ था?
साल 1990 में 2 नवंबर के दिन भव्य राम मंदिर के शिलान्यास की मांग को लेकर हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या में इकट्ठा हुए थे. एक समूह का नेतृत्व बजरंग दल के तत्कालीन नेता विनय कटियार कर रहे थे. इन कारसेवकों में कोठारी बंधु भी शामिल थे. इससे पहले कि ये कारसेवक श्रीराम जन्मभूमि परिसर की ओर बढ़ते, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. कारसेवकों ने पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया, झड़पें भी हुईं. कारसेवक हनुमानगढ़ी के पास सड़क पर बैठकर भजन-कीर्तन करते हुए विरोध प्रदर्शन करने लगे.

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सरकारी आंकड़े में 16 कारसेवकों की मौत होने की बात
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कारसेवकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. पुलिस की गोली लगने से कई कारसेवकों की मृत्यु हो गई. पुलिस कार्रवाई के बाद भगदड़ मच गई. सरयू ब्रिज पर भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई. कोठारी बंधुओं ने विवादित बाबरी मस्जिद के ढांचे पर भगवा लहराया था. ये दोनों भी पुलिस की गोली के शिकार बने. कोठारी बंधुओं के सिर और गले में गोलियां लगी थीं. सरकारी आंकड़े में 16 कारसेवकों की मौत होने की बात दर्ज है.

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