INDIA vs Bharat: इंडिया बनाम भारत की मुहिम को नई मजबूती मिली है. एनसीईआरटी ने स्कूली बच्चों के लिए अब किताबों में INDIA की जगह भारत पढ़ने की सिफारिश कर दी है. इसमें कई अहम बातें कही गई हैं.
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Bharat replaces India in NCERT Curriculum: राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) की कमेटी ने सभी कक्षाओं की स्कूली किताबों में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने की सिफारिश की है. इससे इंडिया बनाम भारत की मुहिम को फिर बल मिला है. संसद के विशेष सत्र के पहले ऐसी संभावना जताई गई थी कि सरकार देश और उससे जुड़े सभी संस्थानों के नाम में इंडिया की जगह भारत करने का प्रस्ताव पारित करा सकती है. इसके लिए संवैधानिक संशोधन बिल लाने की संभावना भी जताई जा रही थी, हालांकि संसद सत्र में महिला आरक्षण बिल लाया गया, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया था.
NCERT panel recommends replacing 'India' with 'Bharat' in school textbooks: Committee chairman C I Issac
— Press Trust of India (@PTI_News) October 25, 2023
एनसीईआरटी केंद्रीय संस्थान है, जो स्कूली शिक्षा से जुड़े मामलों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देती है. ये स्कूली शिक्षा संबंधी सभी नीति निर्माण का काम करती है. कक्षा पांच से लेकर 12 तक ज्यादातर स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाई जाती हैं. सिविल सेवा और अन्य तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने की सलाह दी जाती है.
एनसीईआरटी कमेटी के चेयरमैन सीआई इसाक (NCERT Committee chairman C I Issac) ने कहा कि पैनल ने सभी विषयों में इंडियन नॉलेज सिस्टम को लाने का प्रस्ताव रखा है. स्कूली किताबों में भी इंडिया की जगह भारत नाम लिखने की सिफारिश की गई है. प्राचीन इतिहास की जगह क्लासिकल हिस्ट्री को किताबों के जरिये स्कूली छात्रों को पढ़ाया जाएगा.
एनसीईआरटी की सोशल साइंस की हाईलेवल कमेटी ने ये सिफारिश की है. हालांकि एनसीईआरटी ने इस पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है. समिति ने मध्यकालीन इतिहास में हुईं तमाम हिन्दू राजाओं की विजय को भी प्रमुखता देने की बात कही है. इसाक ने कहा, मौजूदा समय में हमारी असफलताओं को ही किताबों में दिखाया गया है. लेकिन मुगल और सुल्तानों के खिलाफ हमारी जीत को प्रमुखता नहीं मिली. इसाक भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR)के भी सदस्य हैं.
इसाक ने कहा, एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली पुस्तकों के पाठ्यक्रमों की समीक्षा कर रहा है. इसके लिए 19 सदस्यीय नेशनल सिलेबस एंड टीचिंग लर्निंग मैटिरयल कमेटी का गठन किया गया है, जो इसे अंतिम रूप दे रही है. समिति के अन्य सदस्यों में आईसीएचआर चेयरपर्सन रघुवेंद्र तंवर, जेएनयू प्रोफेसर वंदना मिश्रा, डेक्कन कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वसंत शिंदे और हरियाणा गवर्नमेंट स्कूल की समाजशास्त्र टीचर ममता यादव शामिल हैं.
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